जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। हाल के दिनों खबर आ रही थी कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का विलय किसी दिन भी हो सकता है। दरअसल यूपी में विधान सभा चुनाव में भले ही थोड़ा वक्त हो लेकिन सपा अभी से इसकी तैयारी में लगी हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि शिवपाल अगर दोबारा सपा में आ जाते हैं तो विधानसभा चुनाव में सपा मजबूती से लड़ सकती है।
शिवपाल यादव की जमीनी स्तर पर अच्छी पकड़ है। इस वजह से उनके दोबारा आने से पार्टी को अच्छा फायदा हो सकता है। इससे पहले कई मौकों पर चाचा और भतीजे के बीच सुलह के संकेत भी मिलते रहे हैं। इतना ही नहीं शिवपाल ने भी कई मौकों पर सपा प्रेम दिखाया है।

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हालांकि दूसरी ओर अखिलेश की तरफ भले ही कोई इशारा नहीं मिला है लेकिन भतीजे ने कभी भी चाचा के खिलाफ कोई बयान दिया हो। होली के मौके पर दोनों ने एक दूसरे को गले भी लगाया था। तब कहा जा रहा था बहुत जल्द फिर से चाचा-भतीजे की जोड़ी मैदान में नजर आयेगी लेकिन समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की एकजुटता की संभावना उस समय तगड़ा झटका लगा जब शिवपाल यादव ने दो विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। कहा जा रहा था शिवपाल यादव इस मामले में सपा से तालमेल बैठा सकते हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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फीरोजाबाद की टूंडला सीट पर प्रकाश चंद्र मौर्य और बांगरमऊ सीट से किन्नर सोनम चिश्ती को मैदान में उतारा है। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव का कहना है कि उपचुनावों को विधानसभा चुनाव का रिहर्सल माना जा रहा है। प्रसपा पूरी ताकत और तैयारी के साथ मैदान में है। अब देखना होगा कि इन दो सीटों पर बीजेपी और सपा क्या फैसला करती है।
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