जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभ्यास (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी संग्राम चरम पर है। केंद्र सरकार द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभ्यास को लेकर विपक्ष ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने शुक्रवार को संसद से लेकर सड़क तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संसद में हंगामा, लोकसभा स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने SIR के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित विपक्ष के कई सांसदों ने प्रतीकात्मक रूप से SIR के फॉर्म फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिए। इस विरोध प्रदर्शन के कारण लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
राहुल-प्रियंका का सीधा हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा,“यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। सरकार गरीबों के मताधिकार को छीनना चाहती है। हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
वहीं कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा,“सरकार को जवाब देना चाहिए कि मतदाता सूची की जानकारी विपक्ष से क्यों छुपाई जा रही है। पारदर्शिता लोकतंत्र की रीढ़ है।”
राज्यसभा में भी विरोध, खरगे हुए मुखर
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर में इंडिया ब्लॉक के अन्य नेताओं के साथ SIR फॉर्म को फाड़कर विरोध जताया। उन्होंने कहा,“केंद्र सरकार संविधान का पालन नहीं कर रही है। ये लोग गरीबों को उनके वोटिंग अधिकार से वंचित करना चाहते हैं और सिर्फ अमीरों को वोट देने देना चाहते हैं।”
क्या है SIR और क्यों हो रहा विरोध?
विशेष गहन पुनरीक्षण अभ्यास (SIR) चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में भाजपा सरकार विपक्षी वोट बैंक को टारगेट कर वोटर लिस्ट से नाम हटवा रही है, जिससे आगामी चुनावों को प्रभावित किया जा सके।
बिहार बना विरोध का केंद्र
SIR को लेकर सबसे ज्यादा विवाद बिहार में हो रहा है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा,“भाजपा जानती है कि अगर राजद और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं, तो उनका सफाया हो जाएगा। इसीलिए वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं। हम इसका जोरदार विरोध करेंगे और दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएंगे।”
इंडिया ब्लॉक ने दी आंदोलन की चेतावनी
इंडिया गठबंधन ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने मतदाता सूची में पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे।