Tuesday - 22 July 2025 - 1:14 PM

हिमाचल में फिर बरपा मानसून का कहर: भूस्खलन से 398 सड़कें बंद, दो की मौत

जुबिली न्यूज डेस्क 

शिमला |  हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बनकर टूटा है। रविवार देर रात से सोमवार दोपहर तक हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन, सड़क बंदी, पेड़ गिरने और डैम से पानी छोड़े जाने जैसी घटनाओं ने हालात बिगाड़ दिए हैं।

बारिश की वजह से किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा को रोक दिया गया है, वहीं मंडी, शिमला, कुल्लू और सिरमौर के कई उपमंडलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र सोमवार को बंद रहे।

तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 398 सड़कें बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 398 सड़कें बंद हो चुकी हैं। मंडी जिले में अकेले 242 सड़कें बंद हैं, जहां दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 682 ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं।

चंबा में दंपती की मौत, शिमला में पेड़ गिरने से कारें क्षतिग्रस्त

चंबा के सूताह गांव में मकान पर चट्टान गिरने से पति-पत्नी की मौत हो गई। वहीं, शिमला में चौड़ा मैदान और संजौली कॉलेज के पास भारी बारिश और पेड़ गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। सौभाग्य से जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

सिरमौर के 100 से ज्यादा गांव मुख्यालय से कटे

सिरमौर जिले के NH-707 पर भारी भूस्खलन से सड़क बंद होने के कारण शिलाई क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। इससे टमाटर किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दफ्तर जाने वालों, स्कूली बच्चों और मरीजों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं।

दो कारें खाई में गिरीं, सौभाग्य से कोई हताहत नहीं

चंबा के तीसा मार्ग पर दो खड़ी कारें चट्टानों की चपेट में आकर गहरी खाई में गिर गईं, लेकिन घटना के समय दोनों गाड़ियों में कोई सवार नहीं था।

मानसून सीजन में अब तक 132 मौतें

अब तक मानसून सीजन में 132 लोगों की मौत, 223 घायल और 34 लापता हो चुके हैं। अकेले मंडी और कांगड़ा में 21-21 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इसके अलावा मंडी में 936 कच्चे-पक्के घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें से 365 पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।

राज्य में अब तक 393 मकान, 276 दुकानें और 1007 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। अनुमानित 1246 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।

बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाएं बढ़ीं

अब तक 24 भूस्खलन, 36 फ्लैश फ्लड और 23 बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें मंडी में सबसे ज्यादा 15 बादल फटने, 11 फ्लैश फ्लड और 4 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।

मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज और येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने 22 जुलाई को चंबा और कांगड़ा में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, मंडी और सिरमौर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 23 से 27 जुलाई तक भी प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी है।

ये भी पढ़ें-दलित वोट बैंक की वापसी की कोशिश में कांग्रेस: दशरथ मांझी के बहाने राहुल गांधी का बिहार मिशन तेज

सबसे ज्यादा बारिश कहां हुई?

बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा वर्षा गग्गल (कांगड़ा) में 150 मिमी, नगरोटा सुर्रियाँ में 130 मिमी, संधोल और चुआडी में 120 मिमी, मंडी और घुमारवीं में 110 मिमी, जोगिंदरनगर व नाहन में 100 मिमी और रेणुका व पच्छाद में 90 मिमी दर्ज की गई।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com