Friday - 11 July 2025 - 7:41 PM

डिपॉजिटरीज़ संस्थाएं प्रॉक्सी एडवाइजर वोटिंग सुविधा के ज़रिए शेयरधारकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए एकजुट हुईं

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड ने अपने निवेशक ऐप्स में एक नई सुविधा शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत खुदरा शेयरधारक अब ई-वोटिंग सिस्टम के माध्यम से कंपनी प्रस्तावों पर मतदान करते समय प्रॉक्सी एडवाइजर की सिफारिशें देख सकेंगे।

इस नई सुविधा का औपचारिक शुभारंभ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष श्री तुहिन कांता पांडेय द्वारा किया गया।
यह अपडेट सेबी के खुदरा निवेशकों की कॉरपोरेट गवर्नेंस में भागीदारी को बढ़ाने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है, जो व्यक्तिगत निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शिता और सोच समझ कर निर्णय लेने की सुविधा लेकर आता है।

यह सुविधा एन एस डी एल के स्पीड – ई ऐप/वेब पोर्टल और सी डी एस एल द्वारा पेश किए गए माई ईजी ऐप में उपलब्ध है। इसका उद्देश्य शेयरधारकों के लिए जानकारी को अधिक सुलभ और समान रूप से उपलब्ध कराना है, ताकि वे सेबी-पंजीकृत प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों से विशेषज्ञ वोटिंग सलाह प्राप्त कर सकें। वोटिंग से जुड़ी ये सिफारिशें सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्मों द्वारा दी जा रही हैं: स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विस , इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विस , इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज।

यह सुविधा निवेशकों को निम्नलिखित जानकारियों प्रदान करती है

  • हर प्रस्ताव पर वोट डालने से पहले प्रॉक्सी एडवाइज़र्स की सिफारिशों को देखना और उनकी तुलना करना।
  • “प्रॉक्सी एडवाइज़र की सिफारिश के अनुसार वोट करें” विकल्प के ज़रिए विशेषज्ञों की राय प्राप्त करना।
  •  अंतिम सबमिशन से पहले अपने वोट में बदलाव करने की सुविधा ।
  •  आत्मविश्वास के साथ वोट डालना और सोच समझ कर कॉरपोरेट निर्णय प्रक्रिया में भाग लेना।
  • यह सुविधा दोनों डिपॉजिटरी ऐप्स के ई-वोटिंग सिस्टम में एकीकृत की गई है और निवेशकों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है जिसमें शामिल हैं:
  •  जटिल कॉर्पोरेट प्रस्तावों पर सोच समझा कर निर्णय लेना।
  •  वोटिंग के समय मार्गदर्शन प्राप्त करना।
  •  कॉर्पोरेट प्रशासन के मानकों को मजबूत बनाने में भागीदारी करना।

लॉन्च के बारे में बोलते हुए, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष,   तुहिन कांत पांडे ने कहा “ई-वोटिंग प्रक्रिया का उद्देश्य शेयरधारक बैठकों में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है, जिससे पारदर्शिता और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानकों में सुधार हो सके। प्रॉक्सी एडवाइज़र की सिफारिशों तक पहुंच होने से निवेशक आत्मविश्वास के साथ विचारपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। सह-निर्माण की भावना के तहत हम डिपॉजिटरी संस्थाओं के बीच इस सहयोग का स्वागत करते हैं, जो निवेशकों को सशक्त बनाने और भारत के पूंजी बाजार में तकनीक-आधारित समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

इस नए सुधार के बारे में बात करते हुए, एनएसडीएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री विजय चंडोक ने कहा:
“यह सुविधा हमारे उस उद्देश्य का एक और उदाहरण है, जिसमें हम निवेशकों को ऐसे व्यावहारिक साधन उपलब्ध कराना चाहते हैं, जिससे वे कॉरपोरेट निर्णयों में सक्रिय और विचारपूर्णतरीके से भागीदार बन सकें। हम एक भरोसेमंद और मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाए।”

CDSL के MD एवं CEO  नेहल वोरा ने कहा:

“ई-वोटिंग प्रक्रिया में प्रॉक्सी एडवाइजरी इनपुट्स को शामिल करके, हम निर्णय लेने की शक्ति सीधे अपने निवेशकों के हाथों में दे रहे हैं। यह हमारे इस निरंतर संकल्प को सुदृढ़ करता है कि हम तकनीक और नवाचार का उपयोग करके निवेशकों की सेवाओं को बेहतर बनाएं और बाज़ार में उनकी भागीदारी को और अधिक व्यापक करें।”

यह सुविधा अब सक्रिय हो चुकी है और NSDL के SPEED-e तथा CDSL के MyEasi निवेशक ऐप्लिकेशन के माध्यम से उपयोग के लिए उपलब्ध है।

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