जुबिली न्यूज डेस्क
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से एक हैरान कर देने वाला भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। गोहपारू जनपद की भदवाही ग्राम पंचायत में आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान की एक जल चौपाल में सिर्फ एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान लगभग ₹40,000 के जलपान खर्च का बिल सामने आया है। यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक हलचल मच गई है।
1 घंटे में 14 किलो ड्राय फ्रूट और 6 लीटर दूध!
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 50 लोगों की उपस्थिति वाले इस कार्यक्रम में सिर्फ एक घंटे के अंदर—
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5 किलो काजू
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5 किलो बादाम
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3 किलो किशमिश
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30 किलो नमकीन
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50 प्लेट पूरी-सब्जी
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100 रसगुल्ले
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6 लीटर दूध व 5 किलो शक्कर
उपयोग कर लिए गए। कुल जलपान का खर्च लगभग ₹19,000 बताया गया है, जबकि आयोजन में कुल खर्च ₹40,000 दिखाया गया। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक घंटे में इतना सब कुछ कैसे खा लिया गया?
विपक्ष का हमला: “ये गंगा संवर्धन नहीं, घोटाला संवर्धन है”
इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा:“मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के नाम पर अब घोटाला संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है।
50 लोगों के एक घंटे के कार्यक्रम में 40 हजार रुपये का जलपान बिल — ये कैसा सुशासन है?” उन्होंने आगे तंज कसते हुए लिखा:“कभी 4 लीटर पेंट से 200 मिस्त्री पुताई कर देते हैं, तो कभी ड्राय फ्रूट और मिष्ठानों से जल संरक्षण अभियान चलाया जाता है। ये गंगा संवर्धन नहीं, जनता की मेहनत की कमाई का घोटाला है।”
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प्रशासन जांच की बात कर रहा, लेकिन जवाब नहीं साफ
अब तक इस मामले पर स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। ज़िला पंचायत या जनपद स्तर पर किसी अधिकारी ने यह नहीं बताया कि जलपान में दिखाया गया खर्च वास्तव में हुआ या सिर्फ कागज़ पर है।
हालांकि, जिला कलेक्टर से लेकर जनपद सीईओ तक अब भीतरखाने जांच शुरू करने की बात कर रहे हैं। विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि अगर यह बिल सही है तो यह सरासर सरकारी धन का दुरुपयोग है।