Thursday - 10 July 2025 - 2:29 PM

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के फांसी पर लग सकती है रोक, सुप्रीम कोर्ट में इस दिन होगी सुनवाई

जुबिली न्यूज डेस्क 

नई दिल्ली – भारत की 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में जल्द फांसी दी जा सकती है। जानकारी के अनुसार, यमन के राष्ट्रपति ने उन्हें 16 जुलाई को मृत्युदंड देने का आदेश जारी किया है। इस बीच निमिषा प्रिया की ओर से वकील सुभाष चंद्रन के.आर. ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप कर फांसी की सजा को कम करवाने का प्रयास करे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तात्कालिकता से लेते हुए अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को नोटिस जारी किया है। पीठ ने 14 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। अदालत ने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को याचिका की अग्रिम प्रति भेजने का निर्देश भी दिया है ताकि वे पहले से मामले की जानकारी ले सकें।

क्या है पूरा मामला?

केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया पेशे से नर्स हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए वह यमन गई थीं। वहाँ कुछ समय तक अस्पताल में काम करने के बाद उन्होंने खुद का क्लिनिक खोल लिया। यमन के कानून के अनुसार, विदेशी नागरिकों को व्यापार शुरू करने के लिए एक स्थानीय व्यक्ति की साझेदारी या गवाही जरूरी होती है। इसी सिलसिले में उनका संपर्क यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी से हुआ।

परिवार का आरोप है कि कुछ समय बाद दोनों के बीच विवाद हो गया और महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया। पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने कथित तौर पर महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन ओवरडोज़ के कारण उसकी मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने यमन से भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यमन की अदालत ने उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।

शरिया कानून के तहत बचाव का रास्ता

निमिषा प्रिया के वकील ने बताया कि यमन में शरीया कानून लागू है, जिसके तहत ब्लड मनी (रक्त-धन) का प्रावधान है। यदि पीड़ित के परिवार वाले माफ करने को तैयार हों, तो आरोपी को आर्थिक मुआवज़ा देकर फांसी की सजा को टाला जा सकता है। वकील की अपील है कि भारत सरकार राजनयिक माध्यमों से पीड़ित परिवार से संपर्क करे और ब्लड मनी के जरिए निमिषा की जान बचाने की कोशिश करे।

ये भी पढ़ें-बिहार वोटर लिस्ट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, जानें क्या कहा

उम्मीद की एक किरण

अब सबकी निगाहें 14 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। क्या भारत सरकार राजनयिक पहल कर पाएगी? क्या ब्लड मनी के ज़रिए निमिषा की सजा टल सकती है? ये सवाल देशभर के लोगों को झकझोर रहे हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com