जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली/ भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचते हुए Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में प्रवेश किया है। SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल ने सफलतापूर्वक ISS से डॉकिंग की है, और अब सभी अंतरिक्षयात्री स्टेशन के भीतर प्रवेश कर चुके हैं।
शुक्ला के साथ अन्य तीन अंतरिक्षयात्री भी इस अभियान में शामिल हैं। उन्होंने कहा—“मेरी ये यात्रा मेरी नहीं, पूरे देशवासियों की यात्रा है। भारत की उम्मीदें और सपने मेरे साथ अंतरिक्ष में हैं।”
#Axiom4Mission की डॉकिंग सफलतापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हुई। इस मिशन का संचालन भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने किया।
(वीडियो: NASA via Reuters/ANI News YouTube) pic.twitter.com/syjMzS0oD5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2025
डॉकिंग की सफलता, परिवार में खुशी की लहर
स्पेस स्टेशन से ड्रैगन यान की सॉफ्ट डॉकिंग पहले पूरी हुई और फिर हार्ड डॉकिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। इस ऐतिहासिक पल का लाइव टेलीकास्ट देखते हुए शुभांशु शुक्ला की मां भावुक हो गईं।
उनकी बहन शुचि मिश्रा ने कहा:“यह सिर्फ हमारे परिवार नहीं, हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। मैं प्रार्थना करती हूं कि यह मिशन सफल रहे और वे सुरक्षित लौटें।”
14 दिन ISS पर बिताएंगे शुक्ला
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम आगामी 14 दिनों तक ISS पर रहकर प्रयोग करेंगे। इस दौरान वह:
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पृथ्वी के पर्यावरण से जुड़े अनुसंधान
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माइक्रोग्रैविटी में बायो-फिजिकल प्रयोग
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अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत साइंस डेमोंस्ट्रेशन
जैसे कार्यों में हिस्सा लेंगे। ये प्रयोग भारत के लिए भी भविष्य के गगनयान मिशन को तैयार करने में सहायक होंगे।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
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शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं।
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वे एक लड़ाकू पायलट रहे हैं और उन्हें ISRO व DRDO के साथ काम करने का अनुभव है।
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Ax-4 मिशन के लिए उन्हें विशेष रूप से नासा और Axiom Space में प्रशिक्षित किया गया।
भारत के लिए गर्व का क्षण
यह पहली बार है जब कोई भारतीय नागरिक Axiom Space के प्राइवेट मिशन का हिस्सा बनकर ISS की यात्रा कर रहा है। यह भारत के लिए मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा की दिशा में एक और ठोस कदम है।
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शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में यह उड़ान केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं और सपनों का विस्तार है। यह मिशन भारतीय युवाओं को विज्ञान और तकनीक में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।