Sunday - 7 January 2024 - 1:53 PM

दीदी और राज्यपाल में क्यों बढ़ी तनातनी

न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी बढ़ गई है। इस बार विवाद का कारण बना है राज्यपाल का उत्तर 24 परगना का दौरा।

दरअसल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ मंगलवार को उत्तर 24 परगना के दौरे पर हैं। राज्यपाल के इस दौरे में होने वाली बैठक को लेकर उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी ने एक चिट्ठी लिखकर कहा है जब तक राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिलती है तब तक किसी को भी बैठक के लिए निमंत्रण नहीं भेजा जायेगा।

जिलाधिकारी ने इस चिट्ठी में यह भी लिखा है कि अधिकारी भी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे, क्योंकि सभी वरिष्ठ अफसर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे पर साथ गए हुए है।

वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी बैठक में सरकारी अधिकारियों के शामिल होने से इनकार के बाद कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह असंवैधानिक है। मैं राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं हूं।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अधिकारियों के इस रवैये को लेकर कहा कि क्या वह सरकार के अधीन है? अगर उन्हें किसी के साथ बातचीत करनी है तो राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत क्यों लेनी है?

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि 17 अक्टूबर को मेरी यात्रा के बारे में जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया था। जिलाधिकारी ने इस पर जवाब दिया कि राज्य सरकार की अनुमति के बाद अनुमति दी जाएगी। यह पूरी तरह असंवैधानिक है। राज्यपाल ने सवाल पूछा कि क्या मैं राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं हूं।

राज्यपाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप हैं। राज्यपाल ने कहा कि इसके बावजूद मैं जिलों का अपना दौरा जारी रखूंगा।

वहीं, इस मामले को लेकर भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ममता बनर्जी की सरकार है, यह संविधान का पालन नहीं करती है। अगर राज्य के राज्यपाल को अनुमति लेनी है तो इसका मतलब है कि ममता जी का कानून पश्चिम बंगाल में काम करता है, ना कि देश का कानून।

वहीं इस मामले में बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की सीएम हैं ना कि पीएम। यह केंद्र सरकार का निर्णय है कि एनआरसी को लागू करना है या नहीं, वह क्यों चिंतित है? यदि केंद्र एनआरसी को लागू करने का निर्णय लेता है, तो वह इसके बारे में कुछ भी करने में सक्षम नहीं होंगी क्योंकि यह केंद्र सरकार का निर्णय होगा।

राज्यपाल यहां धमखली की यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की बशीरहाट की सांसद नुसरत जहां, संदेशकाली के विधायक सुकुमार महता, जिला परिषद समाधिपति रेहाना खातून, एडीजी (दक्षिण बंगाल) सहित कई अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

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