Friday - 5 January 2024 - 9:29 PM

20 अमीर परिवारों के पास है 20 गरीब देशों की कुल जीडीपी के बराबर सम्पत्ति

न्यूज डेस्क

अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है। अमीर की सम्पत्ति में इजाफा हो रहा है और गरीब दो जून की रोटी के लिए जद्दोजहद कर रहा है। गरीब और अमीर के बीच असमानता की खाई बढ़ती जा रही है। एशिया के 20 सबसे अमीर परिवारों की ब्लूमबर्ग ने एक सूची तैयार की है, जिसमें तीन भारतीय परिवार भी शामिल हैं। इन 20 लोगों की कुल संपत्ति उपमहाद्वीप के 20 गरीब देशों की जीडीपी के बराबर है।

ब्लूमबर्ग की सूची के मुताबिक एशिया के 20 सबसे अमीर कारोबारी परिवारों के पास अब 450 अरब डॉलर से अधिक संपत्ति है। इस सूची में भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी का परिवार 50.4 अरब डॉलर संपत्ति के साथ पहले पायदान पर है। इसके अलावा शापूरजी पालोनजी और हिंदुजा ब्रदर्स भी एशिया के 20 सबसे अमीर परिवारों में शामिल हैं।

मुकेश अंबानी का परिवार एनर्जी, टेलिकॉम और रिटेल सेक्टर से धन अर्जित कर रहा है तो सूची में 7वें नंबर पर मौजूद दूसरा भारतीय उद्योगपति परिवार (मिस्त्री) शापूरजी पालोनजी ग्रुप का मालिक है। इनका कारोबार इंजिनियरिंग और कंस्ट्रक्शन आदि सेक्टर में है। सूची में 16वें नंबर पर हिंदुजा ग्रुप है जो ऑटोमोटिव, ऑइल एंड गैस सेक्टर में अच्छा प्रभाव रखता है।

टॉप 20 अमीरों की सूची में दूसरे नंबर पर हॉन्ग-कॉन्ग का क्वॉक परिवार है जिसका यहां के रियल एस्टेट कारोबार पर कब्जा है। इस परिवार के पास 38 अरब डॉलर की संपत्ति है। वहीं, चौथा सबसे अमीर परिवार थाइलैंड का चेरावेनोन्ट परिवार है, जो फूड, रिटेल, टेलिकॉम आदि के कारोबार में शामिल है। इनके पास का है 37.9 अरब डॉलर की संपत्ति है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि एशिया के 20 में कितने उद्योगपति परिवार अपनी सम्पत्ति का अधिकांश हिस्सा प्रापर्टी डेवलपमेंट से अर्जित कर रहे हैं।

आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में एशिया के 20 सबसे गरीब देशों की जीडीपी 468.5 अरब डॉलर थी। इन देशों की संयुक्त जनसंख्या 2018 में 21.36 करोड़ थी। एशिया में सबसे कम 2.6 अरब डॉलर सम्पत्ति भूटान की थी।

एशिया के कई बिजनेस घराने कम और मध्यम आमदनी वाले देश जैसे इंडिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस से आते हैं, जहां सम्पत्ति बंटवारे में बहुत असमानता है। के्रडिट सुइस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में भारत में दस प्रतिशत परिवारों के पास 62 फीसदी सम्पत्ति थी, जबकि इंडोनेशिया में 10 फीसदी परिवारों के पास 38 प्रतिशत सम्पत्ति थी। ऐसा ही अंतर हांगकांग में भी है।

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