Sunday - 7 January 2024 - 1:12 PM

11 हजार किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन और सिर्फ 11 के खाते में पहुंचा पैसा

न्यूज डेस्क

मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले किसान सम्मान निधि योजना की शुरुवात कर किसानों को एक उम्मीद दी थी। इस योजना ने किसानों के चेहरे पर खुशी बिखेर दी थी। कई राज्यों के किसानों से इस योजना का लाभ मिल रहा है लेकिन पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम के किसान अभी इस योजना के लाभ से दूर हैं।

सिक्किम के किसानों ने बढ़-चढ़कर इस स्कीम का लाभ पाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया लेकिन अब तक उनके खाते में पैसा नहीं पहुंच सका है। सिक्किम में महज 11 किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा पहुंचा है, जबकि इस राज्य में इस स्कीम के तहत 11,000 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था।

यह जानकारी केंद्र सरकार ने खुद लोकसभा में दी है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस स्कीम के सबसे ज्यादा लाभार्थी उत्तर प्रदेश में हैं। यहां कुल 1,87,35,405 किसानों के खाते में इस स्कीम का पैसा पहुंच चुका है। अब तक योजना के तहत सूबे में 2,30,03,675 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लिखित जवाब में लोकसभा में बताया कि अब तक 9,60,73,451 किसानों ने स्कीम के तहत सफलतापूर्व रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 8 करोड़ 40 लाख से ज्यादा किसानों तक पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा पहुंच रहा है। केंंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस स्कीम के लिए सरकार की ओर से 2018-19 में 20,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए थे, जबकि 2019-20 में 75,000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था।

यह भी पढ़ें :  कोरोना वायरस से जूझ रहे चीन के सामने आई नई मुसीबत

यह भी पढ़ें :  रणजी ट्रॉफी : UP की हार पर मची है रार

आंकड़ों के मुताबिक इसमें से अब तक लाभार्थी किसानों के खातों में 50,522 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं। किसानों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए तोमर ने कहा कि मंत्रालय को संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से लाभार्थियों की लैंड होल्डिंग, बैंक संबंधित डिटेल्स, आधार कार्ड नंबर आदि की जानकारी मिली। इन जानकारियों को पीएम किसान पोर्टल के द्वारा वेरिफाई किया गया। मंत्री ने बताया कि शुरुआत में अकाउंट को मान्यता पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (क्कस्नरूस्) के जरिए दी गई।

संसद में कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि दिसंबर 2019 से ही लाभार्थियों के डेटा के आधार वेरिफिकेशन को भी अनिवार्य कर दिया गया है। अगर संबंधित एजेंसी को प्राप्त डिटेल्स में आधार से समानता नहीं मिलती है, तो संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को उन लाभार्थियों की जानकारी में सुधार या बदलाव करना होगा। उन्होंने बताया कि इस तरह मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित करता है कि स्कीम के तहत फायदा लाभार्थियों को राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से प्रमाणित होने के बाद ही मिले।

यह भी पढ़ें : आखिर क्यों कांग्रेस के ये दो दिग्गज नेता आये आमने-सामने

यह भी पढ़ें : सिंधिया की नसीहत पर कमलनाथ की साफगोई

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com