जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना. बिहार राज्य की राजधानी पटना में शनिवार को दिनदहाड़े भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े नेता सुरेंद्र केवट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह किसान मोर्चा के पुनपुन प्रखंड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और सुरेंद्र केवट पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में पटना एम्स ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, मृतक को चार गोलियां मारी गई थीं। यह वारदात बीते दिनों पटना में हुई ऐसी दूसरी बड़ी गोलीकांड की घटना है, जिससे राजधानी में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।घटना की जानकारी मिलते ही फुलवारीशरीफ के विधायक गोपाल रविदास और पूर्व मंत्री श्याम रजक एम्स पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने प्रशासन से अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पीपरा थाना प्रभारी और मसौढ़ी के डीएसपी कन्हैया प्रसाद सिंह ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने एफएसएल टीम की मदद से फोरेंसिक जांच भी कराई है और इलाके में लगातार छापेमारी जारी है। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जल्द ही अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में डर और गुस्से का माहौल है। बीजेपी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने अपराधियों को जल्द पकड़ने और सख्त सजा देने की मांग की है।
गौरतलब है कि बीते दिनों पटना में ही एक अन्य चर्चित व्यक्ति, व्यवसायी गोपाल खेमका की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके साथ यह वारदात उनके घर के बाहर हुई थी।
केवल पटना ही नहीं, बल्कि सीतामढ़ी, गया, नवादा, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में भी हाल के दिनों में गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पूरे राज्य में भय का माहौल है।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने नीतीश कुमार सरकार पर जमकर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:”अब पटना में बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या! क्या कहें, किससे कहें? NDA सरकार में न कोई सुनता है, न गलती मानता है। मुख्यमंत्री की सेहत सबको पता है, लेकिन बीजेपी के दोनों उपमुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? भ्रष्ट भूंजा-DK पार्टी चुप क्यों है?”
राज्य में लगातार बढ़ते अपराधों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बिहार की कानून-व्यवस्था किस दिशा में जा रही है।