Wednesday - 10 January 2024 - 6:28 AM

जब सब डरे हुए तो देश और संविधान को कौन बचाएगा ?

राजीव ओझा

इस समय हम सब डरे हुए हैं। पूरा देश डरा हुआ है। पड़ोसी डरे हुए हैं। पोलिटिकल पार्टी डरी हुई हैं। सब एक दूसरे से डर रहे हैं। जो नहीं डर रहा उसे डराने की कोशिश की जा रही। कोई कह रहा संविधान पर संकट है, कोई कह रहा देश पर संकट है, कोई कह रहा मुसलमानों पर संकट है। यहाँ तक कि कांग्रेस की महासचिव प्रिंयका भी डरी हुई हैं।

लखनऊ में उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस की महिला सिपाही ने उनका गला दबाने की कोशिश की। लेकिन उन्हें सड़कों पर बिना हेल्मेट स्कूटी चला रहे कार्यकर्त्ता के साथ स्कूटी पर बैठने में डर नहीं लगता। मायावती ने ट्वीट किया कि हाशिये से निकलने के लिए कांग्रेस को अब किस्म-किस्म की नाटकबाजी करनी पड़ रही है।

देश में मजबूत सरकार फिर भी लगता है डर

कोई सीएए से डर रहा, कोई एनआरसी से डर रहा कोई एनपीआर को लेकर खौफ में है। यह सब तब हो रहा जब देश में एक स्थिर और मजबूत सरकार है। वो सरकार जिसे देश की डरी हुई जनता ने ही प्रचंड बहुत से दोबारा सत्ता सौंपी। सत्ता इसलिए सौंपी कि उसे फ्री हैण्ड मिले और देश के नागरिकों के हित में काम करे। संवैधानिक रूप से चुनी गई उसी सरकार ने जब काम करना शुरू किया तो उसी से संविधान को खतरा पैदा हो गया।

जब कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ तो जनता को डर नहीं लगा, जब महिलाओं को तीन तलाक की यातना से मुक्ति मिली तो महिलाओं को डर नही लगा, यहाँ तक कि अयोध्या विवाद पर फैसला हो जाने के बाद भी लोगों को डर नहीं लगा। जब एक साल के भीतर सरकार ने ताबड़तोड़ तीन बड़े फैसले ले लिए तो जनता को नहीं, राजनितिक दलों को डर लगने लगा। तीन तीन बड़े विवाद भी शान्ति पूर्वक निपट गया।

देश में एक बड़ी समस्या घुसपैठियों की है। सरकार ने जब इसके समाधान की दिशा में कदम उठाने के लिए कानून में संशोधन किया तो हंगामा खड़ा हो गया। अचानक राजनितिक दलों को मौका मिल गया। जनता को भ्रमित कर डराया जाने लगा। आम जनता कानून की बारीकियों को आसानी से नहीं समझ पाती।

इसी का फायदा राजनितिक दल उठा रहें हैं। भोली जनता को भरमा और डरा रहे हैं। यह बात हम नही कह रहे, सीएए और एनआरसी पर आन्दोलन कर रही जनता के जवाब चीख चीख कर बयाँ कर रहे कि उनको इस कानून के बारे में कुछ नहीं पता, इसका फुलफ़ार्म भी नही पता। यही राजनितिक दलों का सबसे बड़ा एडवान्टेज है।

राजनितिक दलों का सबसे बड़ा एडवान्टेज

मुसलमानों को हमेशा कांग्रेस डराती आई है। जब उनमें सरकार को लेकर डर कम होने लगा तो इस बार सीएए और एनआरसी को लेकर डराने लगी। सीएए और एनआरसी पर ओवैसी भी आम जनता, खासकर मुसलमानों को भड़का रहे हैं। वही ओवैसी जिन्हें “नेशनलिज्म” से कोई आपत्ति नही लेकिन राष्ट्रवाद से उन्हें हिंदुत्व की बू आती है।

कांग्रेस को जब लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली तो उसने ईवीएम का रोना रोया और जब विधान सभा चुनाव में सफलता मिलने लगी तो उत्साहित कांग्रेस को लगा जनता का केंद्र सरकार से मोहभंग हो रहा है।

बस फिर क्या था कांग्रेस ने 28 दिसंबर को स्थापना दिवस और संविधान बचाओ दिवस के बहाने पार्टी में फिर से जान फूंकने का प्रयास किया है, ख़ास कर उत्तर प्रदेश में। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में स्थापना दिवस समारोह में संविधान की प्रस्तवना पढ़ी और कांर्यकर्ताओं को शपथ दिलाई।

कांग्रेस का आज 135वां स्थापना दिवस है। राजधानी लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित स्थापना दिवस समारोह में प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान पर हमला करने वालो का कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी। प्रियंका गांधी ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियां सरकार से डर रही हैं, वह कुछ नहीं कह रही हैं। कांग्रेस को संघर्ष की चुनौती स्वीकार है। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देशभक्ति के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है।

मायावती ने कहा कांग्रेस अपनी चिंता करे

दूसरी तरफ बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी उस समय उसको जनता के हितों की याद क्यों नहीं आई। उन्होंने कहा कि दूसरों पर चिंता व्यक्त करने के बजाये कांग्रेस अपनी चिंता करे तो बेहतर होता।

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