Thursday - 11 January 2024 - 2:47 AM

कौन है महंत रवींद्र पुरी जिन्हें मिली अखाड़ा परिषद की कमान

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। महंत रवींद्र पुरी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नये अध्यक्ष होंगे। उनके नाम की घोषणा सोमवार को की गई है। दरअसल उनके नाम पर मुहर तब लगी जब दारागंज निरंजनी अखाड़े में हुई बैठक में महंत रवींद्र पुरी को मान्यता प्राप्त 13 अखाड़ों में से सात ने बहुमत से फैसला लेते हुए नया अध्यक्ष चुना गया।

बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद खाली पड़ा था। हालांकि इस दौरान कई लोगों का नाम चल रहा था।

और अपने पक्ष में करने के लिए लोग जोड़तोड़ का खेल भी खेल रहे थे। वहीं इस पद को भरने के लिए अखाड़ा परिषद के संरक्षक महंत हरि गिरि की ओर से निर्मल अखाड़ा प्रयागराज में परिषद की बैठक बुलाई गई थी।

इसके बाद सात 7 अखाड़ों की मौजूदगी व निर्मोही अनी अखाड़े की लिखित सहमति से रवींद्र पुरी महाराज को नया अध्यक्ष बनाया गया है।

कहा जाता है कि महंत नरेन्द्र गिरि सभी अखाड़ों में व्यवस्था के लिए एक करोड़ रुपए भारी रकम अखाड़ो को मिलती थी लेकिन महंत रविन्द्र पुरी ने महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से सरकार का एक करोड़ रुपए का ऑफर ठुकरा दिया था।

कौन है महंत रविन्द्र पुरी

मौजूदा वक्त में कनखल मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं महंत रवींद्र पुरी। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 35 साल की आयु में संन्यास ले लिया था।

इसके बाद वे महानिर्वाणी अखाड़े में शामिल हुए। रविंद्र पुरी 1998 के कुंभ मेले के बाद अखाड़े की कार्यकारिणी में शामिल हुए। 2007 में उन्हें अखाड़े का सचिव बनाया गया था।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद साधु-संतों और सरकार के बीच अच्छा तालमेल होता है। इस वजह से महाकुंभ में सेतु का काम करती है।

साधु-संतों को जो समस्या होती है उसे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सरकार और प्रशासन तक पहुंचाने और उनका निराकरण करने में उसका खास योगदान रहता है। वहीं सरकार भी अध्यक्ष का कहना मानती है क्योंकि साधु-संतों की प्रतिनिधि होती है।

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