
न्यूज डेस्क
फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स ऐप जैसी सोशल मीडिया साइट पर घंटों समय बिताने वालों के लिए ये खबर अहम हैं। जी हां, सोशल मीडिया पर टैक्स लगाना लेबनान सरकार को भारी पड़ गया। लेबनान में वॉट्सऐप, फेसबुक मेसेंजर पर मैसेज और कॉलिंग पर टैक्स लगाने का विरोध इतना बढ़ा कि पीएम साद हरीरी को इस्तीफा देना पड़ गया।
लेबनान सरकार ने 17 अक्टूबर को वॉट्सऐप, फेसबुक मेसेंजर पर मैसेज और कॉल करने के लिए टैक्स लगाने का ऐलान किया था। तब से यहां विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया। सरकार ने इस टैक्स के पीछे तर्क दिया था कि इससे आर्थिक संकट में घिरे देश की आमदनी बढ़ेगी।
इन ऐप्स के जरिये कॉलिंग करने वालों को रोजाना 0.20 डॉलर का टैक्स देना पड़ता, जो भारतीय रुपये में करीब साढ़े 14 रुपए के बराबर होता। फैसले के खिलाफ लेबनान में लोग सड़कों पर उतर आए। 12 दिनों से यहां के बैंक, स्कूल, ऑफिस और कॉलेज बंद हैं। भारी विरोध के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस लेने का ऐलान किया, लेकिन प्रदर्शन करने वाले नहीं रुके, बल्कि सड़कों पर लोगों की संख्या बढ़ती रही।
यह भी पढ़ें : लेबनान में हो रहे हिंसक प्रदर्शन का सोशल मीडिया से क्या है कनेक्शन

लोगों के गुस्से का आलम यह था कि सरकार द्वारा प्रतिबंंध वापस लेने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। हिंसक प्रदर्शन देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात ने लेबनान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया था।
मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद पीएम हरीरी ने लोगों से कहा कि ‘मैं आपसे छिप नहीं सकता। मैं आखिरी मोड़ पर आ चुका हूं। मैं सभी राजनीतिक लोगों से अपील करता हूं कि देश की अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए आगे आइए।
दरअसल ये प्रदर्शन शुरु हुआ सोशल मीडिया पर लगाए गए टैक्स को लेकर लेकिन बाद में ये प्रदर्शन देश में भ्रष्टाचार, बढ़ती महंगाई और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ मुड़ गया। प्रदर्शनकारियों की कई बार पुलिस से झड़प भी हुई, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद पीएम हरीरी ने लोगों से कहा, ‘मैं आपसे छिप नहीं सकता। मैं आखिरी मोड़ पर आ चुका हूं। मैं सभी राजनीतिक लोगों से अपील करता हूं कि देश की अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए आगे आइए।
इस विरोध प्रदर्शन की दिलचस्प बात यह रही कि तमाम प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर योग कर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया। इस विरोध को लेबनान के विद्रोही समूह हिजबुल्लाह का भी समर्थन प्राप्त है।
यह भी पढ़ें : ‘कुछ लोगों के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुत ज़्यादा है और कुछ के पास बहुत कम’
यह भी पढ़ें : बीजेपी विधायक के फिर बिगड़े बोल, कहा-मायावती अब …
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
