जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में महागठबंधन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरे राज्य में यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इस यात्रा की घोषणा बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने बताया कि यह यात्रा रक्षाबंधन के बाद शुरू की जाएगी और राज्य के सभी प्रमंडलों में पहुंचेगी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य आम जनता से सीधा संवाद करना और राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर करना है। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार 70 हजार करोड़ रुपये का हिसाब देने में नाकाम रही है और कैग की रिपोर्ट में भी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
सरकार पर तेजस्वी का तीखा हमला
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और अपराधी ही सरकार चला रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “सीएम अचेत अवस्था में हैं और राज्य की बागडोर माफिया चला रहे हैं।”
महागठबंधन की इस यात्रा को लेकर तेजस्वी ने कहा कि यात्रा का रूट और विस्तृत कार्यक्रम जल्द साझा किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने भी भाग लिया और कहा कि,”अगस्त का महीना जनता के अधिकारों की लड़ाई का महीना होगा। हम लोग मिलकर बिहार की जनता के लिए सड़कों पर उतरेंगे।”
राहुल गांधी भी होंगे साथ
महागठबंधन नेताओं ने बताया कि INDIA गठबंधन के कई प्रमुख नेता इस यात्रा में शामिल होंगे, जिनमें राहुल गांधी भी शामिल हैं। यह यात्रा जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर की जाएगी और हर मंडल में जनसंवाद कार्यक्रम होंगे।
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आशा और ममता कार्यकर्ताओं पर भी बोले तेजस्वी
राज्य सरकार पर एक और हमला करते हुए तेजस्वी यादव ने एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने जब स्वास्थ्य मंत्री थे, तब आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन सरकार ने उस पर दो साल तक कोई निर्णय नहीं लिया। अब जाकर सरकार को बढ़ोतरी करनी पड़ी, लेकिन फिर भी पूर्ण रूप से मांगें पूरी नहीं की गईं। तेजस्वी ने कहा,”हम इन्हें केवल प्रोत्साहन राशि नहीं, बल्कि मानदेय देंगे।”उन्होंने आगे कहा कि सरकार को अब आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका और रसोइयों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की मांग माननी होगी।