- तालिबान ने महिलाओं के दफ्तर में काम करने से रोक लगा दी है
- तालिबान का कहना है कि वह शरिया कानून के हिसाब से ही चलेंगे
जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान का पूरा कब्जा हो गया है। इसके साथ उसने अपनी सरकार भी बना ली है। हालांकि इस सरकार को बनाने में उसे काफी वक्त जरूर लग गया है।
तालिबान ने नई सरकार के गठन के वक्त बड़ी-बड़ी बातें कही थी लेकिन वो सिर्फ हवाहवाई साबित हुई है और तालिबान ने जो-जो वादे किये थे उससे अब मुकरता नजर आ रहा है।
आलम तो यह है कि महिलाओं को लेकर उसकी सोच में थोड़ा भी बदलाव नहीं हुआ है। इतना ही नहीं पूरे देश में शरिया कानून लागू करने की बात कह रही है।
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समाचार एजेंसी की माने तो महिलाओं को लेकर तालिबान ने सख्त कदम उठाने की बात कही है। दरअसल तालिबान के सीनियर कमांडर वहीदुल्लाह हाशिमी ने समाचार एजेंसी को बताया है कि भले ही दुनिया की ओर से महिलाओं को काम करने की आजादी देने का दबाव बनाया जाए, लेकिन अफगानिस्तान में सिर्फ शरिया कानून के हिसाब से ही काम होगा।
हालांकि जब उसने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तब कहा था कि महिलाओं को शरिया कानून के तहत काम करने की इजाजत दी जाएगी। लेकिन अब एक महीने बाद तालिबान अपनी बात पर कायम नहीं है और साफ कह दिया है कि पूरे देश में शरिया कानून लागू करने जा रहा है। उसने यह भी कहा है कि शरिया कानून वापस लाने के लिए इतनी बड़ी जंग लड़ी गई है।
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हाशिमी ने कहा कि हमने 40 साल सिर्फ इसलिए जंग लड़ी है कि हम अफगानिस्तान में शरिया कानून वापस लाएं। शरिया कानून महिलाओं और पुरुषों को साथ में बैठने, काम करने की इजाजत नहीं देता है।
ये साफ है कि महिलाएं पुरुषों के साथ काम नहीं कर सकती हैं, ना ही उन्हें हमारे दफ्तर-मंत्रालयों में आने की इजाजत है। ऐसे में देखा जाये तो तालिबान अब फिर पुराने रंग में लौटता नजर आ रहा है।

उसने आते ही कॉलेज में लडक़े-लड़कियों के बीच में पर्दा लगाकर इसक बात संकेत दिया है। हालांकि तालिबान का दो रंग का चेहरा देखने को मिल रहा है जहां एक ओर उसने कहा था कि महिलाओं को सरकार में काम करने का मौका देगा।
शरिया कानून के तहत महिलाओं को हर अधिकार दिया जाएगा लेकिन फिलहाल ऐसो कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है और तालिबान अब भी नहीं बदला है और उसकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है।
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