मैं घर का बड़ा था, तो मुझ पर जिम्मेदारियां बहुत थीं, प्यार सबका कुछ ज्यादा था मुझसे, तो हक्दारियां बहुत थीं., मैं सब देखता और घर के हालात समझता था, प्यार बहुत था सबमे फिर भी कुछ दरमियाँ उलझता था, मुझे भी माँ के आँचल में सोना पसंद था, छोटे …
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