शुभ्रा सुमन उसने खिड़कियां बंद कर दीं और पर्दा गिरा दिया.. दिन में अंधेरे की अनुभूति अद्भुत होती है.. संसार का अंधकार सजीव हो उठता है.. रोशनी में जो घटता है उसमें एक तरह का स्याहपन है.. अंधेरा सिर्फ अंधेरा है.. उसमें दुनियावी आडंबर और संकरता नहीं है.. अंधेरा ही …
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