डॉ. प्रशांत राय
कोविड-19 से ठीक होने के बाद लोगों में लगातार अलग-अलग तरह की जानलेवा बीमारियां सामने आ रही है। जो बीमारियां कभी सामान्य हुआ करती थी, अब जुकाम होने पर भी खतरा बन जा रही हैं।
अभी देश में कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है। अभी भी देश में प्रतिदिन दस हजार से अधिक मामले प्रतिदिन आ रहे हैं। इस बीच देश के कई हिस्सों से डेंगू, मलेरिया के मामले सामने आ रहे है। वहीं इस बीच एक और वायरस लोगों को डराने के लिए आ गया है।
जी हां, हम जीका वायरस की बात कर रहे हैं। यूपी के ही कई जिलों में जीका वायरस के मरीज मिले हैं। कानपुर में तो जीका वायरस के मामले डराने वाले आए हैं।

जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज मच्छर वही होते हैं जो डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार फैलाते हैं। यह वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में जा सकता है और शिशुओं को माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा कर सकता है।
हालांकि इस पर अभी रिसर्च जारी है, लेकिन, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति इस बीमारी को अपने पार्टनर तक भी पहुंचा सकते हैं।
अभी तक जानकारी के मुताबिक जीका वायरस से गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा है। इससे गर्भपात होने का भी खतरा है।
जीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है। इसका संक्रमण इंसानों के खून तक में पहुंच जाता है। इसीलिए रक्तदान के 14 दिनों के भीतर अगर व्यक्ति को जीका वायरस संक्रमण के साथ निदान किया गया है, तो रक्त दान करना उचित नहीं है।
जीका वायरस के बढ़ते केस के बीच स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना और डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच जीका वायरस के केस ने समस्याओं को बढ़ा दिया है।
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मरीजों के लिए इन तीनों रोगों में अन्तर कर पाना कठिन हो सकता है। ऐसे में रोग का समय पर निदान न हो पाने के कारण स्थिति बिगडऩे का डर रहता है।
जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने के बाद उसमें बुखार और चकत्ते दिखाई दिए जा सकते है। कॉंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और थकावट कुछ अन्य लक्षण हैं जिन्हें महसूस किया जा सकता है।
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इसका लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक चलते हैं। सामान्य दर्द और बुखार दवाओं से जीका वायरस का इलाज किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति को जीका संक्रमण से निदान किया गया है तो आराम और भरपूर पानी के सेवन की सलाह दी जाती है।
चूंकि जीका मच्छरों से फैलती है, उनसे बचने का मतलब है जीका से बचना। ष्टष्ठष्ट के अनुसार इस वायरस का फिलहाल कोई उपचार नहीं है। लेकिन इस दौरान
– अधिक से अधिक आराम करें।
-अधिक से अधिक पानी पीएं।
– डॉक्टर की सलाह से ही मेडिसिन लें।
जीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों से बचना। घर के अंदर और बाहर मच्छरों के काटने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय। इस समय मच्छर ज्यादा सक्रिय होते है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अधिकतर लोगों में इसके लक्षण नहीं भी दिखते हैं।
(डॉ. प्रशांत राय, सीनियर रिचर्सर हैं। वह देश-विदेश के कई जर्नल में नियमित लिखते हैं।)
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