जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. भगवद गीता के मुद्दे पर बिहार की सियासत में आपस में ही तलवारें खिंच गई हैं. सत्ताधारी बीजेपी और जदयू आमने-सामने आ गई हैं. इस घमासान के पीछे केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का ट्वीट है.
दरअसल प्रहलाद जोशी ने ट्वीट किया कि भगवत गीता हमें नैतिकता और सदाचार की सीख देती है. यह हमें समाज की बेहतरी के लिए उत्तरदायित्व का ज्ञान भी देती है. इसमें कई ऐसी नैतिक कहानियाँ हैं जो छात्रों को प्रेरित कर सकती हैं. सभी राज्य इसके बारे में सोच सकते हैं.
इस ट्वीट पर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी की मंशा पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि गीता का उपदेश वास्तव में बहुत अच्छा ज्ञान है. हम लोग भी गीता का ज्ञान पढ़ते हैं मगर स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने से पहले तो बहुत सी बातों को सोचना और समझना होगा.

उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारे संविधान में किसी धर्म विशेष की बात करने की इजाज़त नहीं है. अच्छी बातें तो सभी धर्मों के ग्रंथों में हैं, तो फिर क्यों न सभी धर्मग्रन्थों की अच्छी बातों को एक साथ संग्रहीत कर दिया जाये ताकि बच्चो को भी सभी धर्मों की अच्छाइयां समझ आ जायेंगी. सिर्फ गीता का ज्ञान बच्चो को देना ठीक बात नहीं है.
जो बात उपेन्द्र कुशवाहा ने कही उसी पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी अपनी मोहर लगा दी. उन्होंने कहा कि यह सेक्युलर देश है. सभी धर्मों के लोग रहते हैं. बीजेपी अब शिक्षा का भी भगवाकरण करना चाहती है. कांग्रेस विधायक प्रेमचन्द्र मिश्र ने इसे बीजेपी के हिंदुत्व का हिडेन एजेंडा बताया. उन्होंने कहा कि किसी को भी देश की संप्रभुता से नहीं खेलने दिया जायेगा.
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