न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बुधवार सुबह से ही राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके प्रशंसकों का तांता लगा हुआ है।
बता दें कि दिल्ली की पहली मुख्यमंत्री रही सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। देश-विदेश और और विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
वीज़े की समस्या से लेकर पासपोर्ट की दिक्कतों तक, ट्विटर पर उनके जवाबों को पढ़कर और उनकी त्वरित कार्रवाई के लाखों लोग मुरीद थें। संसद के अंदर हो या बाहर हर जगह अपनी भाषा के लिए हमेशा सराही गई। कई दिग्गजों का तो ये भी कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के बाद देश में कोई अच्छा वक्ता था तो वो सुषमा स्वराज ही थी।

सोशल मीडिया पर यूजर्स उनके द्वारा दिए गए भाषणों का वीडियो शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहें हैं और उन्हें याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो है जिसमें सुषमा स्वराज सेकुलरिज्म की परिभाषा बता रही हैं।
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देखें वीडिया:-
What a great speech by #SushmaSwaraj ji on secularism.
RIP Sushma Ji. pic.twitter.com/MfCvUgzaMu
— Bollywoodirect (@Bollywoodirect) August 6, 2019
Remembering #SushmaSwaraj pic.twitter.com/elgI8tm55V
— Exsecular 2.0 (@ExSecular) August 7, 2019
6 राज्यों की चुनावी राजनीति में सक्रिय रहीं
हरियाणा : सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। तब वे 25 साल की थीं। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं।
दिल्ली : 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। 1998 में वे दोबारा अटलजी की सरकार में मंत्री बनीं, लेकिन इस्तीफा देकर दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड : सुषमा 2000 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुनी गईं। जब उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद उत्तराखंड बना तो वे बतौर राज्यसभा सदस्य वहां भी सक्रिय रहीं।
कर्नाटक : 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। उन्होंने सिर्फ 12 दिन प्रचार किया। लेकिन सिर्फ 7% वोटों से हार गईं।
मध्यप्रदेश : सुषमा 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहीं और दुनियाभर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।
1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 1973 में सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। सुषमा का स्वराज कौशल से 1975 में विवाह हुआ। स्वराज कौशल वकील हैं। वे मिजोरम के गवर्नर भी रह चुके हैं। 1990 में देश के सबसे युवा गवर्नर बने, तब उनकी उम्र 37 साल थी। 1998 में वे हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा सदस्य चुने गए। सुषमा को एक बेटी बांसुरी हैं। बांसुरी भी वकील हैं।
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