जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने चीन मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदम को सही ठहराया। थरूर ने कहा कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत संतुलन बहाल करने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा, थरूर बोले जरूरी है बातचीत
जहां कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया, वहीं थरूर ने उलट राय दी। उन्होंने कहा:“हम दोनों महाशक्तियों के शिकार होने का जोखिम नहीं उठा सकते। चूंकि अमेरिका के साथ संबंध मुश्किल दौर में हैं, इसलिए चीन के साथ व्यावहारिक रिश्ते बनाए रखना जरूरी है।”
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने हाल ही में पीएम मोदी पर बीजिंग के सामने झुकने और पाकिस्तान-चीन जुगलबंदी पर चुप रहने का आरोप लगाया था। वहीं मनीष तिवारी ने चीन पर अत्यधिक निर्भरता को लेकर चेतावनी दी थी।
पहले भी पार्टी लाइन से हट चुके हैं थरूर
यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने पार्टी से अलग रुख अपनाया हो।
-
ऑपरेशन सिंदूर पर वे खुलकर सरकार के साथ खड़े रहे और भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश तक गए।
-
टैरिफ मुद्दे पर भी उन्होंने कहा था कि भारत को जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए और अमेरिका से परे व्यापारिक रिश्तों को बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने यहां तक कहा था कि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और पैलेडियम खरीदता है, जबकि भारत को टारगेट किया जा रहा है।
क्यों बार-बार अलग राय देते हैं थरूर?
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, थरूर के पार्टी से अलग बयान देने की कई वजहें हैं:
-
वह विदेश मामलों के विशेषज्ञ हैं और संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके हैं।
-
2026 के केरल विधानसभा चुनाव में सीएम पद पर उनकी नजर है।
-
अगर पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया, तो वे भविष्य में अलग राह भी चुन सकते हैं।
-
यहां तक कि बीजेपी भी उन्हें लुभाने की कोशिश कर सकती है, क्योंकि केरल में बड़ा चेहरा उसकी ज़रूरत है।
कुछ विश्लेषक यह भी मानते हैं कि थरूर का फोकस 2029 के आम चुनावों पर भी है। अगर मोदी सरकार सत्ता में रहती है तो उनके लिए विदेश मंत्री या एचआरडी मिनिस्ट्री का ऑप्शन खुल सकता है।
ये भी पढ़ें-पटना में वोटर अधिकार यात्रा का समापन, तेजस्वी यादव का डांस वीडियो वायरल
विचारधारा बनेगी रोड़ा?
हालांकि, थरूर के कुछ बयानों ने अतीत में संघ परिवार को नाराज़ किया था। जैसे:“हम भारत को हिंदू पाकिस्तान नहीं बनने देंगे।”ऐसे बयान उनकी संभावित राजनीतिक चाल में बाधा डाल सकते हैं।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
