Friday - 5 January 2024 - 2:05 PM

रोटी बैंक ने मनाया स्थापना दिवस, संवाद कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ। जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र में इंडियन रोटी बैंक के सातवें स्थापना दिवस और मानवाधिकार जन निगरानी समिति, पीपल, और इंडियन रोटी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में बाल पोषण अधिकार और पैकेज फूड लेबलिंग पर संवाद का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथियों को पुष्पकुंज देकर उनका स्वागत किया गया। उसके पश्चात इंडियन रोटी बैंक के कोऑर्डिनेटर विनोद चंद्रा, अशोक शुक्ला, अब्बासी ने कहा इसकी शुरुआत 2016 में हरदोई जिले में  विक्रम पाण्डेय ने की गयी थी।

उन्होंने आगे कहा की अभी इसकी सक्रिय टीम 14 राज्य में 100 जिलों में तक़रीबन 12 लाख लोगो को भोजन उपलब्ध करा पाया है।

अभी इसकी पहुँच नाइजीरिया तक हो गयी है,  एक तरफ तो हर तरफ हम सब कुछ हासिल करना चाहता है वही दूसरी तरफ अमीर और गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है।

ऐसी स्तिथि में इंडियन रोटी बैंक की जिम्मेदारी बढ़ रही है की किसी को भूखा न सोने दे। एक तरफ यह पहल लोगो का भूख मिटाता है ।

वही दूसरी तरफ उनको पोषण प्रदान करने का काम करता है ताकि उनका रोग दृप्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। आगामी पीढ़ी को इस कार्य से जोड़ने के लिए इंटर्नशिप (स्वयं सेवी) कार्य के लिए कई विश्वविद्यालय के बच्चो को जोड़ा।

मानवाधिकार जननिगरानी समिति के संस्थापक व संयोजक डॉ लेनिन रघुवंशी ने कहा की कि भारत कुपोषण के दोहरे मार से ग्रसित है।

जहाँ एक तरफ लोगो को पूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहा है वह कुपोषण के शिकार वही दूसरी तरह पेट भरने के लिए बस्तियों में डिब्बा बंद खाना आना शुरू हो गए है।

इन खाद्य पदार्थों की अधिक खपत, जो आमतौर पर नमक, चीनी और संतृप्त वसा में उच्च होते हैं, भारत में कई बढ़ते बीमारियों की वजह भी हैं।

भारत में हर साल 58 लाख से अधिक भारतीय गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) जैसे कैंसर, मधुमेह, अनियंत्रित उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों की वजह से मृत्यु के शिकार हो जाते हैं।

इन बीमारियों में सभी नहीं तो अधिकतर बीमारियों का इलाज मुश्किल है, लेकिन एक बेहतर स्वास्थ्य खाद्य सिस्टम से इनको रोका जा सकता है।

इसीलिए जनमानस को डिब्बाबंद खाने की पौष्टिकता के बारे में चेतावनी वाला एफओपीएल विनियम के मार्फत पूर्ण जानकारी मिलनी चाहिए।

नेचुरोपैथी डॉ श्रुति कौशिक ने कहा कि भारतीय घरों में – शहरी और ग्रामीण दोनों में, 53 प्रतिशत बच्चे सप्ताह में औसतन दो बार से अधिक नमकीन पैकेज्ड फूड जैसे चिप्स और इंस्टेंट नूडल्स का सेवन करते हैं, 56 प्रतिशत बच्चे चॉकलेट और आइसक्रीम जैसे मीठे पैकेज्ड फूड का सेवन करते हैं और 49 प्रतिशत बच्चे चीनी-मीठे पैकेज्ड पेय का सेवन करते हैं।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ राम पुनियानी ने कहा की के सातवी वर्षगाठ पर बधाई दी। उन्हीने उम्मीद जताया की देश में सभी जिलो में इंडियन रोटी बैंक पहुंचे।

उन्होंने कहा की सभी धर्मो में पड़ोसी की मदद और भूखा न सोने की बात कही। जिन लोगो को अधिक या गैर बराबरी का पोषण मिलता है जिसके वजह से उनमे मोटापा बढ़ता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए सही पोषण का सेवन करना जरूरी है।

कार्यक्रम की अतिथि पूनम पंडित  ने इंडियन रोटी बैंक उन्होंने कहा की इंसानियत से बड़ी कोई चीज नहीं है। उन्होंने सभी लोगो से अपील की जो जरूरतमंद है, जिनको भोजन नहीं मिल पा रहा है उनको अधिक से अधिक लोगो को इससे बड़ा कोई धर्म है। जिससे भूख से कोई भी व्यक्ति अपराध और नशे में लिप्त न हो सके। कार्यक्रम में उन्होंने अपनी आप बीती बताया की बचपन में अपने पिता के मृत्यु के बाद कैसे उनका परिवार रोटी के लिए तरसते और तड़पते थे। उन्होंने कहा की भोजन के साथ पोषण पर भी अधिक ध्यान देने की जरुरत है जिससे भारत की जनसँख्या स्वास्थ्य रहे और गैर संचारी रोगों में कमी आये।

पूर्व आई जी अरुण गुप्ता जी ने कहा कि कुपोषण के दोहरे मार के बारे में सोशल मीडिया पर आम जनमानस को जागरूक किया गया जिससे उनको मालूम हो सके की वह किन चीज का सेवन और कितना करेद्य।

नकुल दुबे,पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के नवीनतम आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा की सेहत को हानि पहुंचाने वाले आहार किसी भी अन्य जोखिमों की तुलना में दुनिया भर में अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं, और यह मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने इंडियन रोटी बैंक के कार्यो का सराहना करते हुए वर्षगांठ पर बधाई दी।

इस कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के  अरुण पाण्डेय जी, अनुराग पाण्डेय, शिव पाण्डेय, अशोक सिंह, संजय सिंह, सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा,पश्चिम बंगाल और दिल्ली के राज्य समन्वयक और जिला समन्वय सहित 250 लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विक्रम पाण्डेय  ने किया।

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