जुबिली न्यूज़ डेस्क
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि आपको ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलने वाली है। हालांकि इससे पहले रिज़र्व बैंक ने लॉकडाउन के दौरान ब्याज दरों में दो बार कटौती जरुर की है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर स्थिर है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने लोन मोरेटोरियम को लेकर भी कोई बात नहीं की है। आपको बता दें कि 31 अगस्त को लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो रही है।

गोल्ड ज्वेलरी पर बात करते हुए गवर्नर ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है उन्होंने गोल्ड पर मिलने वाले कर्ज की वैल्यू को बढ़ा दिया है। अब इसमें 90 फीसदी तक कर्ज मिल सकेगा। इससे पहले सोने की कुल वैल्यू का 75% ही लोन मिलता है।
आप जिस बैंक या नॉन-बैकिंग फाइनेंस कंपनी में गोल्ड लोन का आवेदन करते हैं, वो बैंक सोने की गुणवत्ता की जांच करने के बाद उसके हिसाब से ही लोन की राशि तय होती है।
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गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि देश में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। अच्छी बात ये हैं कि भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई है।जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही। अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी आने की उम्मीद है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-अगस्त-सितंबर में महंगाई दर ऊंची रह सकती है। हालांकि, अक्टूबर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2021 में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है। इसके साथ ही इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है।
इसके अलावा MSMEs के कर्ज रीस्ट्रक्चरिंग की मोहलत को बढ़ा दिया गया है। अब रीस्ट्रक्चरिंग अवधि 31 मार्च 2021 तक है। इस बीच, शेयर बाजार में बढ़त बरकरार है। 12 बजे के बाद सेंसेक्स 200 अंक मजबूत और निफ्टी 11,150 अंक के आगे कारोबार करता दिखा।
कोरोना काल में तीसरी समीक्षा बैठक
कोरोना काल के दौरान रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति समीक्षा की यह तीसरी बैठक थी। इससे पहले दो बार समय से पहले बैठक हो चुकी है। पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में हुई। इन दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की रेपो रेट में कुल मिला कर 1.15 फीसदी की कटौती की। बीते साल यानी फरवरी, 2019 के बाद रेपो रेट में 2.50 फीसदी की कटौती हो चुकी है।
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