जुबिली न्यूज डेस्क
फिलहाल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। तृणमूल कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पार गई है। उसे काफी बड़ी बढ़त मिली है। इसी जीत और जश्न के बीच खबर है कि टीएमसी की चुनावी प्रचार से लेकर रणनीति बनाने तक में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर अब चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम नहीं करेंगे।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस बड़ी जीत की ओर अग्रसर है और बीजेपी 100 के अंक छूने से काफी पीछे है, इसके बावजूद बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने चुनावी कामकाज को छोडऩे का ऐलान कर दिया है।

एनडीटीवी से बातचीत में पीके ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि ‘मैं जो कर रहा हूं उसे अब जारी नहीं रखना चाहता। मैंने काफी कुछ कर लिया है। अब मेरे लिए एक ब्रेक लेने का समय है और जीवन में कुछ और करना चाहता हूं। मैं यह स्पेस छोडऩा चाहता हूं।’ उनके ‘यह स्पेस छोडऩा चाहता हूं’ कहने का मतलब है कि वह अब चुनावी रणनीति बनाने का काम नहीं करना चाहते हैं।
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क्या वह राजनीति में दोबारा शामिल होंगे के सवाल पर पीके ने कहा कि मैं एक असफल राजनीतिज्ञ हूं। अगर मैं राजनीति में गया तो मुझे वापस जाना होगा और देखना होगा कि मुझे अब क्या करना है।
पीके का यह फैसला इसलिए भी हैरान करने वाला है, क्योंकि उन्होंने जो भविष्यवाणी की थी बंगाल चुनाव को लेकर वह अब तक सच साबित होता दिखरहा है। भाजपा 100 सीटों से नीचे जाती दिख रही है और ऐसे में उन्होंने यह ऐलान करके सबको चौंका दिया है।
दरअसल प्रशांत किशोर कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का ऐलान किए थे कि अगर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सीटें 100 के पार हुईं तो वह अपना काम छोड़ देंगे।
पहली बार जब उन्होंने ट्विटर पर यह ऐलान किया तो आईपैक के उनके कुछ सहयोगियों ने दावा किया कि वह ट्विटर छोडऩे की बात कर रहे हैं।
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लेकिन हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार बने पीके ने न्यूज चैनल आज तक से इंटरव्यू में साफ किया था कि वह चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा था कि यदि बीजेपी की 100 से सीटें आती हैं तो उनके काम का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हालांकि, बंगाल चुनाव में भाजपा उस नंबर से काफी पीछे है, तब भी वह अब इस काम को नहीं करेंगे।
मालूम हो पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं, लेकिन दो कैंडिडेट के निधन की वजह से मतदान 292 सीटों पर हुआ है। जो पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 147 सीटें को पार कर जाएगी, वही सरकार बनाने की दावेदारी पेश करेगी।
अभी तक टीएमसी दो सौ सीटों से आगे चल रही है। इसका मतलब है कि अगर नतीजों में बहुत कुछ बदलाव नहीं हुआ तो एक बार फिर से बंगाल में टीएमसी की सरकार बनेगी।
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