जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान इन दिनों भारत से बढ़ते तनाव के बीच चौतरफा संकट का सामना कर रहा है। सिंधु जल संधि सस्पेंड करने के मामले में पाकिस्तान ने जब विश्व बैंक से मदद की गुहार लगाई, तो उसे एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी। शुक्रवार (9 अप्रैल, 2025) को विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने स्पष्ट रूप से कहा कि संगठन केवल एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है और वह इस मामले में कोई निर्णायक कदम नहीं उठा सकता।
विश्व बैंक ने क्या कहा?
अजय बंगा ने मीडिया में चल रही अटकलों को नकारते हुए कहा, “हमारी भूमिका केवल एक मध्यस्थ की है। इस मामले को लेकर जो भी बातें हो रही हैं, वे बकवास हैं। विश्व बैंक केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाता है।”
पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका
पाकिस्तान ने भारत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव डालने की कोशिश की थी, लेकिन अब उसे बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान के कानून और न्याय राज्य मंत्री अकील मलिक ने रॉयटर्स से कहा था कि इस्लामाबाद कम से कम तीन अलग-अलग कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें संधि के बीच विवाद उठाने के लिए विश्व बैंक का नाम शामिल था। हालांकि, विश्व बैंक ने साफ कर दिया कि वह इस विवाद को सुलझाने में कोई भूमिका नहीं निभा सकता।
प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि अब भारत का हक का पानी सिर्फ भारत के लिए ही उपयोग होगा। उन्होंने कहा था, “मीडिया में पानी के मुद्दे (सिंधु जल संधि के बारे में) चर्चा हो रही है… ‘भारत का हक का पानी अब भारत के हक में बहेगा।’
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सिंधु जल संधि सस्पेंड होने के बाद पाकिस्तान की हालत
सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के बाद भारत पाकिस्तान को अब यह बताने के लिए बाध्य नहीं है कि कब पानी छोड़ा जाएगा और कब रोका जाएगा। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले से तस्वीरें सामने आईं, जिनमें सलाल बांध के तीन गेट खुले हुए थे। चेनाब नदी पर स्थित इस बांध से अब भारत ने पाकिस्तान को जाने वाला पानी पहले नियंत्रित किया था, लेकिन अब इसे खोल दिया गया है।