
पॉलिटिकल डेस्क।
कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में सियासी संकट के बीच बिहार में भी नीतीश सरकार की स्थिति को लेकर चर्चा है कि बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूट सकता है। दरअसल इस चर्चा को शनिवार को तब और हवा मिल गई जब आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार और आरजेडी की धारा विचारधार एक बताकर उनके समर्थन की बात कही।
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड का मामला हो, धारा 370 का हो या फिर तीन तलाक का। नीतीश कुमार की सोच राजद के समान ही है। कल की तारीख में नीतीश इस मसले पर कोई स्टैंड लेते हैं तो राजद उनका साथ देगी।
फिलहाल किसी नए राजनीतिक समीकरण की बात को शिवानंद तिवारी ने नकार दिया है। लेकिन यह भी कहा है कि भविष्य में क्या होगा ये कौन जानता है।
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वहीं इस मामले में जब जेडीयू नेताओं से बात की गई तो उन्होंने इस तरह की सम्भावनाओं को सिरे से ख़ारिज कर दिया। यहां तक की पार्टी के एमएलसी दिलीप चौधरी ने कहा है कि नीतीश लोहिया की विचारधारा को मानते हैं। हम किसी की विचारधार को फॉलो नहीं करते बल्कि नीतीश की विचारधारा को लोग फॉलो करते हैं।
दिलीप चौधरी ने कहा है कि बिहार में जेडीयू की सरकार है जो अच्छे तरीके से चल रही है। सरकार पर कोई संकट नहीं है इसलिए कहीं आने जाने का सवाल ही नहीं उठता।
कांग्रेस चाहती है नीतीश का साथ
महागठबंधन की सबसे प्रमुख पार्टी कांग्रेस हमेशा से ही नीतीश कुमार को अपने साथ मिलाने की जुगत में रही है। दरअसल कांग्रेस को लगता है कि नीतीश कुमार के सहारे बीजेपी और मोदी-शाह को टक्कर देना आसान है।
इसलिए ही कांग्रेस ने नीतीश के लिए अपने दरवाजे खोल रखे हैं। पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौड़ काकहना है कि देश में दो तरह की विचारधारा है एक गांधी की और दूसरी गोडसे की। जो गांधी की विचारधारा में विश्वास करते हैं वो हमारे साथ आ सकते हैं उनका स्वागत है।
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