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मध्यप्रदेश में नर्मदा विस्तापितों की लड़ाई जारी है। शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित हजारों लोग मुआवजे की मांग को लेकर भोपाल पहुंचे और सड़क पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मार्च भी निकाला गया।
नर्मदा आंदोलन की अगुवाई कर रही मेधा पाटकर का साफ कहना है कि इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जब तक लिखित आदेश नहीं दिए जाएगें तब तक हम सभी भोपाल नहीं छोड़ेगें। समस्या केवल मुआवजे तक ही सीमित नहीं है बल्कि अस्थाई पुनर्वास केंद्रों में रह रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन ने भोजन देना करीब एक महीने से बंद कर दिया है। मवेशियों के लिए भी चारा नहीं दे रहे हैं। इस बात से लोग ज्यादा परेशान हैं। उनका कहना है कि कोई सरकार हमारे लिए कुछ नही करना चाहती।
बता दें कि गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध पूरी तरह भर गया, जिससे बैक वाटर का स्तर बढ़ गया है, जिससे मप्र के धार जिले के निसरपुर समेत कई गांव डूब रहे हैं और विस्थापितों का पुनर्वास नहीं किया जा रहा है।
इसके विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुआ मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, राकेश दीवान और राजेंद्र कोठारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग भोपाल पहुंचे और शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मार्च निकाला। इसके बाद डेढ हजार से भी ज्यादा लोगों ने नर्मदा भवन का घेराव कर दिया। हालांकि भारी पुलिस बल ने उन्हे भवन के अंदर जाने से रोक दिया। प्रदर्शन के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। दूसरी तरफ नर्मदा बचाओ आंदोलन संगठन ने टेंट लगाकर डटे हुए हैं।
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