जुबिली न्यूज डेस्क
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पारित हो चुका है, लेकिन इस पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी ने विपक्षी खेमा और मुस्लिम संगठनों में नाराजगी बढ़ा दी है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम ने प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला है। संपादकीय में उनकी अनुपस्थिति को “काला धब्बा” बताया गया और पूछा गया कि जब बीजेपी यह विवादित बिल आगे बढ़ा रही थी, तब प्रियंका गांधी कहां थीं?

राहुल गांधी पर भी निशाना
संपादकीय में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए गए हैं। लेख में कहा गया कि राहुल गांधी, जो खुद को धर्मनिरपेक्षता का पैरोकार बताते हैं, उन्होंने भी इस बिल पर चुप्पी क्यों साधी रखी? हालांकि, इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस, टीएमसी और वाम दलों की एकजुटता के लिए उनकी तारीफ भी की गई है, जिन्होंने संसद में इस बिल के खिलाफ मजबूती से अपनी बात रखी।
कांग्रेस सांसद का बयान: बिल असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने वक्फ बिल को सीधे तौर पर असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों को टारगेट करता है और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार इस विधेयक को पारित करने के लिए जबरन आगे बढ़ी, जबकि विपक्ष ने एकजुट होकर इसका विरोध किया।
कैसे पारित हुआ वक्फ संशोधन विधेयक 2024
लगातार बहस और लंबे सत्र के बाद, शुक्रवार सुबह राज्यसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर दिया। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विरोध में 95। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे पारित घोषित कर दिया।
विधेयक का उद्देश्य क्या है?
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का मकसद 1995 के अधिनियम में संशोधन कर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को और प्रभावी बनाना है। इसमें वक्फ बोर्डों की कार्यक्षमता बढ़ाने, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और संपत्तियों के रिकॉर्ड के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।
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