जुबिली न्यूज डेस्क
मोकामा (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पटना के मोकामा में जन सुराज पार्टी के नेता दुलार चंद यादव की हत्या ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उनके पोते की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में विरोधाभास सामने आया है।

तीन अलग-अलग एफआईआर
मृतक के पोते नीरज यादव की शिकायत पर पहली एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें अनंत सिंह समेत पांच लोगों को हत्या का आरोपी बनाया गया। नीरज ने दावा किया कि गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान उनके दादा पर गोली चलाई गई और फिर गाड़ी से कुचला गया, जिससे उनकी मौत हुई।
दूसरी एफआईआर अनंत सिंह की ओर से उनके समर्थक जीतेंद्र के बयान पर दर्ज की गई, जिसमें पीयूष प्रियदर्शी और उनके साथियों पर हमला करने का आरोप लगाया गया। तीसरी एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज की गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा
मोकामा में पोस्टमार्टम करने वाली तीन डॉक्टरों की टीम ने बताया कि दुलार चंद यादव की मौत गोली से नहीं हुई। गोली उनके पैर में लगी थी और यह जानलेवा नहीं थी। मौत का कारण सीने पर चोट और फेफड़ा फटना था।
पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अजय कुमार ने कहा, “दुलार चंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई। यह बिल्कुल भी जानलेवा नहीं थी। विस्तृत रिपोर्ट जल्द पुलिस को सौंप दी जाएगी।”
पटना ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विक्रम सिहाग ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है और अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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राजनीतिक तनाव और जांच
हत्याकांड ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।
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