Tuesday - 9 January 2024 - 7:15 PM

क्या सच में जाकिर नाइक से सौदेबाजी करना चाहते थे मोदी-शाह !

जुबिली न्यूज़ डेस्क

धर्म गुरु और इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने कश्मीर को लेकर एक सनसनीखेज दावा पेश करके भूचाल खड़ा कर दिया है। नाइक ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने पर उनका समर्थन मांगा था। इसके बदले में पार्टी ने उन्हें ‘सुरक्षित तरीके से भारत लौटने’ और उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को हटाने का ऑफर दिया गया था।

यह बयान शनिवार को नाइक की टीम की ओर से जारी कर किया गया है। नाइक ने कहा कि सितंबर में भारत सरकार के एक प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क किया था। प्रतिनिधि ने उस वक्त कश्मीर के हालात पर इस सौदे की पेशकश की थी। नाइक का कहना है कि उन्होंने इस पेशकश को ठुकरा दिया था।

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नाइक की टीम ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें नाइक कहते नजर आ रहे हैं कि ‘साढ़े तीन महीने पहले, भारतीय अधिकारियों ने भारत सरकार के एक प्रतिनिधि के साथ एक निजी बैठक के लिए मुझसे संपर्क किया था। यह सितंबर 2019 का चौथा सप्ताह था जब वे, पुत्रजया (एक मलेशियाई शहर) आए थे और मुझसे मिलना चाहते थे। उनका कहना है कि मुलाकात के लिए वे व्यक्तिगत रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद आए हैं।’

नाइक वीडियो में दावा कर रहे हैं, “(प्रतिनिधि) ने कहा कि वह उनके (नाइक) और भारत सरकार के बीच पैदा भ्रम और गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं और मुझे भारत आने के लिए सुरक्षित तरीका देना चाहते हैं। आए हुए प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि वह भारत और अन्य मुस्लिम देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मेरे संपर्कों का उपयोग करना चाहेंगे।

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नाइक का कहना है कि, बैठक कई घंटों तक चली और उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का मैं समर्थन करूं। लेकिन मैंने साफ मना कर दिया था। नाइक ने कहा कि प्रस्ताव से इनकार करने के बाद, उन्हें भविष्य में भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक बयान न देने के लिए कहा गया।

शेख यासिर कदी की पोस्ट का जवाब देते हुए जाकिर ने लिखा है कि सिर्फ उससे ही नहीं भारत के तमाम शीर्ष मुस्लिम नेताओं को इसी तरह की धमकी या सौदेबाजी की गई थी। सरकार का मकसद कश्मीर पर उनके समेत कथित तौर पर अन्य मुस्लिम नेताओं से समर्थन जुटाना था। इस तरह की पेशबंदी उन नेताओं से ज्यादा की गई थी, जिनका अन्य मुस्लिम देशों में अच्छा-खासा प्रभाव है।

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बता दें कि पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहे नाइक पर भारत में सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। नाइक जुलाई 2016 में ढाका में हुए आर्टिसन बेकरी के आतंकी हमले के सिलसिले में भारत और बांग्लादेश दोनों जगह जांच का सामना कर रहा है।

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