जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बॉम्बे हाईकोर्ट ने भिखारियों और बेघरों को सलाह दी है कि वह भी देश के लिए कुछ काम करें. वह खाली बैठे रहें तो उन्हें राज्य ही सब कुछ उपलब्ध नहीं करा सकता है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए की जिसमें मुम्बई नगर महापालिका को मुम्बई में रहने वाले सभी बेघरों और भिखारियों को तीन वक्त का भोजन, सर छुपाने को छत और स्वच्छ सार्वजानिक शौचालय की सुविधा दिलाने की मांग की गई थी.

मुम्बई नगर महापालिका की तरफ से इस मामले में हाईकोर्ट को बताया गया कि कुछ गैर सरकारी संगठनों की मदद से मुम्बई में ऐसे गरीबों को भोजन तो दिया ही जाता है साथ ही गरीब महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन भी दिया जाता है.
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मुम्बई नगर महापालिका का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इतना अगर पहले से ही किया जा रहा है तो इतना काफी है. बेघरों को भी देश के लिए कोई काम करना चाहिए. सिर्फ राज्य के भरोसे बैठे रहना ठीक बात नहीं है. अदालत ने कहा कि सब कुछ राज्य की तरफ से नहीं दिया जा सकता. अदालत ने कहा कि लोगों को काम न करने का न्योता नहीं दिया जा सकता है. हालांकि अदालत ने मुम्बई नगर महापालिका से कहा कि बेघरों और गरीबों को सार्वजनिक शौचालयों के निशुल्क इस्तेमाल पर विचार करने के लिए कहा है.
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