Saturday - 13 January 2024 - 11:26 AM

प्रदर्शन के दौरान लखनऊ के घंटाघर पर फहरा तिरंगा

स्पेशल डेस्क

लखनऊ। देश में इन दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं शुरुआती दौर में दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन लगातार तेज हो रहा है तो दूसरी ओर यूपी के लखनऊ के घंटाघर में पिछले दस दिनों से इसी तरह का माहौल देखने को मिल रहा है। दोनों ही जगहों के प्रदर्शन पर सरकार की पैनी नजर है लेकिन इस प्रदर्शन को खत्म अभी तक नहीं कराया जा सका।

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आलम तो यह है कि लखनऊ में शुरू हुआ प्रदर्शन अब चरम पर पहुंच गया है। शनिवार को पुलिस ने लखनऊ के घंटाघर में चल रहे प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए कुछ लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया था लेकिन पुलिस के इस एक्शन का असर महिलाओं पर रत्तीभर भी होता नजर नहीं आ रहा है।

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रविवार को पूरा देश 71वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है और इस जश्न में दिल्ली के शाहीन बाग के साथ उत्तर प्रदेश के लखनऊ के घंटाघर में भी तिरंगा फहराया गया है।

घंटाघर में सीएए के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन अब भी जारी है। मौके पर पुलिस की भारी टीम वहां पर मौजूद है लेकिन 71वें गणतंत्र दिवस का जश्न वहां पर इस बार बेहद खास अंदाज में मनाया जा रहा है। दरअसल लखनऊ में इस बार नया इतिहास रचा गया है। देश की बेटियों ने घंटाघर मैदान में झंडारोहण किया।

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लखनऊ के हुसैनाबाद में घंटा घर मैदान पर सीएए के विरोध में 10 दिन से जारी महिलाओं के धरना-प्रदर्शन के बीच रविवार को प्रर्दशन कर रहीं महिलाओं/ एवं बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहरा कर शान के साथ गणतंत्र दिवस पूरे जोश के साथ मनाया।

इस गणतंत्र दिवस समारोह में मशहूर शायर मुनव्वर राणा समेत की बेटियां फौजिया और सोमइया समेत करीब 2 हजार महिलाएं और बच्चे शामिल रहे। लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा ने तिरंगा को फहराया। इमरान प्रतापगढ़ी भी खास तौर पर मौजूद थे।

रूपरेखा वर्मा ने इस अवसर पर एक बातचीत में कहा कि यह पल ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि जब लोग पहली बार इस तरह एकजुट होकर सामने आए हैं।

इस दौरान उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई को लेकर सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की दमनकारी नीति है, जिसमें लोगों पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं. हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हम लोगों को जेल भेजा रहा है। अब चाहे जो हो जाए, लेकिन हम नहीं झुकेंगे। जितना ज्यादा पुलिस और प्रशासन हमें दबाने की कोशिश करेगा, हम उतने ही मजबूती से आगे आएंग।

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