Saturday - 6 January 2024 - 5:40 AM

‘जल प्रलय’ ने निगल ली 546 जिंदगियां

  • उत्तरकाशी-गंगोत्री राजमार्ग पर मलबे की चपेट में आने से 4 की जिंदगी ख़त्म
  • दिल्ली में बढ़ा यमुना का ‘खतरा’, भीषण बाढ़ के निशान से महज एक मीटर दूर

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। पूरे देश में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में बारिश इतनी ज्यादा हो रही है कि वहां पर अब बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों में भी बारिश अब और ज्यादा खतरनाक हो गई है। देश के कई बड़े शहर जलमग्न हो गए हैं।

इतना ही नहीं सडक़ें और पुल तेज पानी के बहाव में तहस-नहस हो गई और बह गई है। कई शहरों में दूर-दूर तक चारों तरफ सिर्फ पानी का सैलाब नजर आ रहा है।देश के 17 राज्यों के 174 जिले में बाढ़ और बारिश की वजह से 546 लोगों की जिंदगी ख़त्म होने की खबर सामने आई है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार 477 लोग घायल हुए हैं. 8764 घर बर्बाद, 8418 पशुओं की मौत और 50 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने की सूचना है।

दिल्ली में बीते तीन दिनों से जारी लगातार बारिश के बीच यमुना उफान पर है।मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बारिश ने पिछले 41 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दूसरी ओर हरियाणा ने भी दिल्ली की मुसीबत बढ़ा दी है क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस वजह से दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है।

दिल्ली में यमुना ने खतरे के निशान को पार कर लिया है. खतरे के निशान की सीमा 205.33 मीटर है और यमुना में जलस्तर 206.24 मीटर को छू रहा है. यमुना में भारी बाढ़ का स्तर 207.49 मीटर है। कहा जा सकता है कि दिल्ली में बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि यमुना इस निशान से करीब एक मीटर ही दूर बची है।

हालात तो इतने खराब हो गए है कि दिल्ली के पुराने लोहे के पुल के पास यमुना खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक रविवार को दोपहर 1 बजे यहां यमुना का जल स्तर 203.18 मीटर था. चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, जो कि मंगलवार को 205.33 मीटर को पार कर जाएगा।

उत्तर पश्चिम भारत में बारिश का कहर टूटा है। इतना ही नहीं उत्तर पश्चिम भारत में लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिला है।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीरकई जगहों पर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। इस वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।

दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। इस लिहाज से देखा जाए तो जुलाई महीने में पिछले 40 साल में एक दिन में हुई ये सबसे ज्यादा बारिश है।

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