जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर कोरिया में किस कदर सख्ती है यह पूरी दुनिया जानती है। लोगों को अपनी मर्जी के कपड़े पहनने का भी हक नहीं है। जी हां,
उत्तर कोरिया के लोगों के कपड़े और हेयर स्टाइल कैसे हों यह सरकार तय करती है।
दरअसल इस देश में कुछ लोग अपने तरीके से जिंदगी जीने के लिए सरकार के नियमों को चुनौती दे रहे हैं लेकिन इसकी उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।

सियोल स्थित मीडिया हाउस डेली एनके की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया, जो लोग सरकार के फैशन और स्टाइल से जुड़े सख्त नियमों को चुनौती दे रहे हैं उनके खिलाफ अपने अभियान को तेज कर रहा है।
उत्तर कोरिया ‘पूंजीवादी’ शैली के कपड़े पहनने वाले या विदेशी हेयर स्टाइल की नकल करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है।
दरअसल इस देश में पुरुष-महिला के लिए बाल कटाने और कपड़े पहनने को लेकर नियम बने हुए हैं। स्थानीय सरकार का मानना है कि इससे लोगों के बीच समानता बढ़ती है।
उत्तर कोरिया सरकार अपनी इस समाजवादी जीवनशैली को प्रभावित करने वाले बाहरी कारकों के खिलाफ काफी समय से कार्रवाई कर रही है।
डेली एनके ने उत्तर कोरिया में मौजूद अपने सूत्रों के हवाले से अपली रिपोर्ट में कहा है कि सोशलिस्ट पैट्रियटिक यूथ लीग के अधिकारी कहते हैं कि स्पॉर्टी कपड़े और “उत्तर कोरियाई हेयर स्टाइल” समाजवादी जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यहां जो लोग फैशन से जुड़े इन नियमों की फॉलो नहीं करते हैं उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है, उनसे पूछताछ की जा सकती है, उनकी पिटाई भी की जा सकती है। और तो और कुछ मामलों में सजा के तौर पर जेल भी भेजा जा सकता है।
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अपनी रिपोर्ट में डेली एनके ने बताया है कि अधिकारी फैशन से जुड़े सरकारी नियमों का पालन नहीं करने वाली महिलाओं को सडक़ों पर रोककर उनका वीडियो बना रहे हैं और इस वीडियो का इस्तेमाल राज्य-विरोधी गतिविधियों के बारे में दिए जाने वाले लेक्चर के दौरान किया जा रहा है।
डेली एनके के मुताबिक, एक वीडियो में 20 से 30 साल की उम्र की कई महिलाएं दिख रही हैं। इन सभी को अपने बाल को रंगने या टाइट लेगिंग पहनने की वजह से हिरासत में लिया गया था।
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इस वीडियो में इन लोगों को “अश्लील कपड़े” और ”अशुद्ध विचारधारा” वाले “पूंजीवादी अपराधी” की तरह पेश किया जा रहा है।
उत्तर कोरिया में जींस पहनना, हेयर कलर करना और सुंदर दिखने के जो भी साधन है उसका इस्तेमाल करने पर पाबंदी है। जो लोग इन नियमों को मानते हैं उन्हें समाज का वफादार ‘रेड’ मेंबर कहा जाता है और जो नहीं मानते उन्हें ‘ग्रे’ यानी देशद्रोही के तौर पर चिह्नित किया जाता है।
उत्तर कोरिया में साल 2020 के अंत में “प्रतिक्रियावादी विचार और संस्कृति” को खत्म करने के लिए एक कानून बनाया गया था। इसके बाद, पिछले साल जुलाई महीने में युवा शिक्षा से जुड़ा कानून बनाया गया, ताकि युवाओं को “पूंजीवादी संस्कृति” के करीब जाने से रोका जा सके।
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