Monday - 15 January 2024 - 5:45 PM

भारतीय महिला ऐक्टिविस्ट को अमेरिकी पुरस्कार

जुबिली न्यूज डेस्क

भारत की महिला कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज को जो बाइडेन प्रशासन ने एक नये पुरस्कार के लिए चुना है। भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने  वालों में अंजलि बड़ा नाम हैं।

अंजलि भारद्वाज को इराक, यूक्रेन व लीबिया आदि देशों से इस पुरस्कार के लिए चुने गए 12 ऐक्टिविस्टों में शामिल किया गया है।

अंजलि नेशनल कैंपेन फॉर पीपल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन की सह-संयोजक हैं। यह वही संस्था है जिसके अभियानों की वजह से ही भारत में वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार कानून आया।

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भारत में भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए एक निष्पक्ष और शक्तिशाली नियामक “लोकपाल” की स्थापना के लिए चलाए गए अभियान से भी अंजलि जुड़ी रही हैं।

अंजलि का जिस पुरस्कार के लिए चुना गया है वह जो बाइडेन प्रशासन द्वारा शुरू किया गया एक नया पुरस्कार है।

इस बारे में अमेरिकी गृह मंत्रालय ने बताया कि इस पुरस्कार का उद्देश्य उन लोगों के काम को पहचान दिलाना है, जिन्होंने “पारदर्शिता के समर्थन में खड़े रहने, भ्रष्टाचार से लडऩे और अपने अपने देशों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बिना थके काम किया।”

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अंजलि भारद्वाज के अलावा इस पुरस्कार के लिए 11 अन्य लोगों को भी चुना गया है। इसमें अल्बानिया के अर्दीयान द्वोरानी, इक्वेडोर की डायना सालाजार, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनीशिया की सोफिया प्रेट्रिक, गुआतेमाला, के हुआन फ्रांसिस्को संदोवाल अल्फारो, गिनी की इब्राहीमा कलिल गुइये, इराक के ढूहा मोहम्मद, किर्गिज गणराज्य के बोलोत तेमिरोव, लीबिया के मुस्तफा अब्दुल्ला, सनल्ला, फिलीपींस के विक्टर सोट्टो, सिएरा लियॉन के फ्रांसिस बेन कैफाला और यूक्रेन के रुस्लान रयाबोशाप्का शामिल हैं।

इस पुरस्कार के लिए चयन होने पर अंजलि ने ट्विट्टर पर लिखा कि यह पुरस्कार पूरे देश में फैले उन लोगों और संगठनों के काम का सम्मान है जो सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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अंजलि ने 2003 में सतर्क नागरिक संस्थान नाम की संस्था की भी स्थापना की थी जो जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के काम पर रिपोर्ट कार्ड बनाने का काम करती है।

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