जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए एमपी, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली में नाईट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। वहीं यूपी में तो रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू शुरु हो गया है।

इस सबके बीच बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रात में लगाये गये कर्फ्यू पर सवाल खड़ा किया है। वरुण ने अपने ट्वीट में लिखा, “रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना, यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है। उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।”
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उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में अगले साल में विधानसभा चुनाव होने हैं। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों की बीच रैलियों में जुटने वाली भीड़ को लेकर अभी तक कोई दिशा-निर्देश सामने नहीं आया है, जबकि पूरे प्रदेश में नेताओं की रैली हो रही हैं।
रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना – यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।
उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें इमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 27, 2021
हालांकि कई राज्यों ने सतर्कता बरतते हुए रात्रि कर्फ्यू लगाने का निर्देश दिया है। ऐसे में वरुण गांधी ने सवाल किया है कि रैलियों में लाखों की भीड़ जुटाकर रात में कर्फ्यू लगाना समझ से परे हैं।
मालूम हो पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी अक्सर अपनी ही पार्टी की सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहते हैं। कई मौकों पर देखा गया है कि जब वो पार्टी लाइन से अलग बयान दिये हैं।
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वरुण ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों के समर्थन में अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने किसानों की मांगों को केंद्र के सामने रखते हुए एमएसपी गारंटी कानून की बात कही थी।
इसके अलावा हाल ही में उन्होंने बैंक कर्मचारियों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होंने बरेली में कहा था कि अगर बैंकों का निजीकरण होगा तो फिर 8-10 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी।
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