जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दो हजार के नोट को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक यह नोट दो साल से एक भी नोट छापा नहीं जा रहा है।
इस वजह से नोट भी बाजार से गायब नजर आ रहा है और इसकी संख्या में भारी कमी भी देखी जा सकती है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं आखिर बाजार में 2000 रुपये के नोट क्यों कम नजऱ आते हैं इसको लेकर सरकार का जवाब भी सामने आ रहा है। इसको लेकर रिजर्व बैंक का जवाब भी सामने आ रहा है।
आरटीआई के मुताबिक, साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2,000 रुपये का कोई नया नोट (two thousand rupees note) नहीं छापा गया।
रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ी जानकारी दी है। रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट की कमी को लेकर बड़ी वजह सामने आई है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन कम हो गया है।
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जानकारी के मुताबिक पिछले साल नवंबर में बाजार प्रचलन वाले 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 223.3 करोड़ नोट या कुल नोटों (एनआईसी) का 1.75 प्रतिशत रह गई। वहीं, 2018 के मार्च में यह संख्या 336.3 करोड़ थी। यही वो वजह है कि 2000 रुपये के नोट इन दिनों आपके हाथ में कम आते हैं।
बता दें कि इससे पहले साल 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट को एकाएक बंद कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने 500 रुपए के नए नोट और 2 हजार रुपए के नोट भी जारी किया था।
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इसके आलावा सरकार ने 10, 20, 50 और 100 रुपये का नया नोट भी सामने ला चुकी है। अब दो हजार के नोट के न छपने से आम लोगों को एक बार फिर इस बात का डर सता रहा है कि सरकार कही दो हजार का नोट बंद न कर दे।
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