
न्यूज डेस्क
केन्द्र सरकार पर टैक्स को लेकर लगातार आरोप लग रहा है कि वह टैक्स टैरिज्म को बढ़ावा दे रही है। सरकार को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना चाहिए। बावजूद इसके इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के बजाए कर विभाग व्यापारियों को दो रुपए का भुगतान करने का नोटिस भेज रही है।
हाल के दिनों में कर विभाग ने कई व्यापारियों के दो रुपए तक के भुगतान करने का नोटिस भेजा है। दरअसल, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न देरी से भरने को लेकर ब्याज भुगतान के लिए कंपनी को इस तरह की छोटी राशि के लिए भी नोटिस भेजे जा रहे हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी ब्याज मद में बकाया 46,000 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर निर्देश मिलने के बाद क्षेत्रीय अधिकारी इन दिनों वसूली का नोटिस भेजने में व्यस्त हैं। कुछ मामलों में तो 10 रुपये से भी कम का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं।
इक्विटी इन्फॉर्मेशन सेवा से जुड़े एक ग्राहक को 5 रुपये की ब्याज राशि जमा कराने को कहा गया है, वहीं एक अन्य से 2 रुपये का बकाया मांगा गया है। एक कंपनी को तो शून्य रुपये का नोटिस भेजा गया है, क्योंकि उन पर पूर्ण अंक में इतनी ही देनदारी बन रही थी।
यह भी पढ़ें : ‘नसबंदी’ पर कमलनाथ के इस फरमान ने दिलाई आपातकाल की याद
यह भी पढ़ें : अमूल्या लियोन के पाकिस्तान समर्थन नारे पर क्या बोले ओवैसी
दरअसल विभाग वित्त वर्ष 2020 में जीएसटी संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ब्याज मद में बकाया राशि को वसूलने में सख्ती दिखा रहा है।
अप्रैल से जनवरी के दौरान केंद्रीय जीएसटी संग्रह 10.4 फीसदी बढ़ा है, जबकि पूरे वित्त वर्ष के संशेधित लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाकी बचे दो महीने में कर संग्रह 21 फीसदी बढऩी चाहिए।
वहीं इस मामले में जानकारों का कहना है कि इतनी मामूली राशि के लिए नोटिस जारी करना कारोबारी सुगमता के बजाय टैक्स आतंकवाद को बढ़ावा देने की तरह है। तय समय पर रिटर्न नहीं भरने पर केंद्रीय जीएसटी के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये और राज्य जीएसटी के लिए भी इतनी ही राशि का विलंब शुल्क वसूला जाता है। इसके साथ ही इस पर 18 फीसदी का ब्याज भी वसूला जाता है। विभाग ने स्पष्ट किया है करदाता अपनी देनदारी के एक हिस्से का नकद भुगतान कर सकते हैं शेष इनपुट टैक्स क्रेडिट में समायोजित करा सकते हैं।
जानकारों का मानना है कि इतनी मामूली रकम के लिए टैक्स नोटिस जारी करने से टैक्स आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा। इससे कारोबारियों के बीच नकारात्मक धारणा बनेगी।
सीबीआईसी ने 10 फरवरी को लिखे पत्र में क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि वह ब्याज देनदारी नहीं चुकाने वालों से उसकी वसूली की प्रक्रिया शुरू करें। हालांकि इसमें स्पष्टता नहीं है कि ब्याज सकल कर देनदारी पर वसूली जाएगी या शुद्घ नकद देनदारी पर।
यह भी पढ़ें : तो क्या सोनिया और राहुल गांधी की नागरिकता खत्म हो जायेगी ?
यह भी पढ़ें : वारिस पठान का क्या है भाजपाई कनेक्शन ?
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
