जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी और तालाबंदी ने पूरी दुनिया को कितना नुकसान पहुंचाया है इसका सही आंकलन अभी कर पाना मुश्किल हैं। सरकार द्वारा तालाबंदी के प्रतिबंधों में ढ़ील देने के बाद अब तमाम एहतियात के साथ सभी उद्योग धंधे लडखड़़ाते हुए अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इनकी राह आसान नहीं दिख रही।
कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य और टेलीकॉम से जुड़े क्षेत्रों को छोड़कर लगभग सभी को प्रभावित किया है। कोरोना की मार से पर्यटन उद्योग भी बेहाल है। करीब छह माह से ठप पड़ा पर्यटन उद्योग कोरोना महामारी के बीच अब अपने पैरों पर खड़ा होनेे का प्रयास कर रहा है, लेकिन यह कब खड़ा हो पायेगा यह बता पाना मुश्किल है।
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कोरोना ने दुनिया भर के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिन देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग पर निर्भर थी उनकी तो कमर टूट चुकी है।
कोरोना संक्रमण के चलते दुनिया भर में पर्यटन उद्योग को जनवरी से मई के दौरान करीब 320 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। यह आकलन यूएन वर्ल्ड टूरिज़्म ऑर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) का है। इस आकलन के मुताबिक यह नुकसान 2009 के ग्लोबल मंदी के दौरान हुए नुकसान से करीब तीन गुना अधिक है।
वहीं दुनिया भर की एयरलाइंस कंपनियों का मानना है कि एविएशन इंडस्ट्री में रिकवरी 2024 से पहले नहीं हो पाएगी। पहले माना जा रहा था कि 2023 तक रिकवरी हो जाएगी, पर अब कहा जा रहा है कि आकलन से एक साल ज्यादा का समय लगेगा।
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जानकारों के मुताबिक पर्यटन उद्योग को रफ्तार मिलने में काफी वक्त लगेगाा, क्योंकि कोरोना का कहर थमा नहीं है। जब तक कोरोना का टीका आ नहीं जाता तब तक लोग घरों में ही रहेंगे। दूसरा कारण है कि कोरोना के जाने के बाद लोग घरों में निकलना शुरु भी किए तो जरूरी नहीं है कि वह घूमने-फिरने ही जाए, क्योंकि लोगों की जेब इसकी इजाजत नहीं देगी।
मालूम हो कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के कुल मामले कुल मामले 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा हो चुके हैं, जबकि अब तक छह लाख 55 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना संक्रमण के कुल मसमले 43 लाख नौ हहजार से ज्यादा है जबकि वहां एक लाख 48 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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