जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत में, खासकर अर्ध-शहरी और शहरी केंद्रों में, उपभोक्ताओं की बढ़ती आकांक्षाओं के साथ त्वरित, भरोसेमंद और बिना झंझट वाले ऋण की मांग लगातार बढ़ रही है।
टीवीएस ग्रुप की सहायक कंपनी होम क्रेडिट इंडिया (एचसीआईएन) इस जरूरत को पूरा करने के लिए तकनीक-सक्षम पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम के माध्यम से तेज और सुरक्षित ऋण संवितरण उपलब्ध करा रही है।
होम क्रेडिट इंडिया की ‘हाउ इंडिया बॉरोज़ (एचआईबी) 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में जहां स्मार्टफोन और घरेलू उपकरणों के लिए ऋण लेना केवल 1% था, वहीं 2024 में यह 37% तक पहुंच गया।
यह बदलाव उपभोक्ताओं की महत्वाकांक्षी उत्पादों में बढ़ती दिलचस्पी और पीओएस-आधारित ऋण समाधानों की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है।
एचसीआईएन ने अपनी डिस्बर्सल क्षमताओं को इस तरह डिज़ाइन किया है कि ग्राहक खरीदारी के समय ही पूरी तरह पेपरलेस प्रक्रिया से तुरंत ऋण प्राप्त कर सकें। यह प्रणाली तकनीकी दक्षता और मानवीय सेवा का मिश्रण है, जो समय और सुविधा दोनों की बचत करती है।
तेज़ स्वीकृति: रियल-टाइम ऋण स्वीकृति से ग्राहक खरीद के समय ही क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं। पारदर्शी शर्तें: ब्याज दरों और शुल्कों की स्पष्ट जानकारी, बिना किसी छिपे चार्ज के। लचीले पुनर्भुगतान विकल्प: मासिक बजट के अनुसार समयावधि चुनने की सुविधा।
- व्यापक पहुँच: 625 शहरों में 53,000 पॉइंट-ऑफ-सेल का नेटवर्क।
- सरल प्रक्रिया: न्यूनतम दस्तावेज़ और रियल-टाइम अनुमोदन।
- मजबूत ग्राहक सेवा: खरीद-पश्चात सहायता और विनम्र कलेक्शन प्रक्रियाएं।
एचआईबी 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 65% उधारकर्ता 24/7 उपलब्धता और आसान उपयोग के कारण ऐप-आधारित बैंकिंग को प्राथमिकता देते हैं, जबकि 26% उपभोक्ता व्हाट्सएप पर दिए गए ऋण ऑफ़र को स्वीकार करते हैं।
उन्नत डिस्बर्सल तकनीकों और व्यापक पीओएस नेटवर्क के संयोजन से होम क्रेडिट इंडिया न केवल ऋण तक पहुंच को आसान बना रहा है, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा दे रहा है। यह पहल उपभोक्ताओं को उनकी टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की ज़रूरतें तुरंत पूरी करने में सक्षम बनाती है, साथ ही खुदरा साझेदारियों और ऋण-पश्चात सेवाओं को मजबूत करती है।