जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, विपक्षी महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज होती जा रही है। इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भी मोर्चा खोल दिया है और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से 12 सीटों की डिमांड कर दी है। खास बात यह है कि झारखंड में JMM की अगुवाई में गठबंधन की सरकार चल रही है, जिसमें कांग्रेस, RJD और वामदल शामिल हैं, लेकिन बिहार में फिलहाल JMM विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
अनाधिकारिक बातचीत, लेकिन मांगें स्पष्ट
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, JMM और RJD के बीच बिहार की 243 विधानसभा सीटों को लेकर अनाधिकारिक बातचीत हुई है। हालांकि अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है, लेकिन JMM ने RJD को 12 मजबूत सीटों की सूची सौंप दी है, जिनमें तारापुर, बेलहर, कटोरिया, चकई और झाझा जैसी सीटें शामिल हैं।
2020 में JMM का प्रदर्शन
गौरतलब है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में JMM ने पांच सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली। चकई सीट पर 8.96% वोट हासिल कर JMM ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। अब पार्टी मानती है कि गठबंधन के साथ रहकर वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
‘एहसान चुकाने’ की बात, झारखंड का हवाला
JMM अब RJD को झारखंड चुनाव की याद दिला रही है, जिसमें हेमंत सोरेन ने राजद को 6 सीटें दी थीं और एक मंत्री पद भी सौंपा था। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में JMM को 34 सीटें, कांग्रेस को 16 और RJD को 4 सीटें मिली थीं। JMM का कहना है कि अब बिहार में “एहसान चुकाने का वक्त” आ गया है।
JMM का दावा: “सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलेगी”
JMM के बिहार सचिव ने कहा कि, “हमने 12 मजबूत सीटों की पहचान की है और RJD को लिस्ट दे दी है। हमें उम्मीद है कि RJD हमें गठबंधन में शामिल करेगी और सीटों का सम्मानजनक बंटवारा करेगी।”
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अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि RJD और महागठबंधन JMM को अपने साथ जोड़ते हैं या नहीं। अगर JMM को गठबंधन में जगह मिलती है, तो बिहार की सीमावर्ती आदिवासी बहुल सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। वहीं, सीटों की सौदेबाजी में यह भी तय होगा कि विपक्षी एकता ज़मीन पर कितनी मजबूत है।