जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच पहली बार हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई है। जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक में जीएसटी लेट फीस से परेशान कारोबारियों को राहत मिली है। बैठक में छोटे टेक्सपेयर्स को राहत देने पर सहमति बन गई है। निर्मला सीतारमण के अलावा इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।
वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपए तय किया गया यानी कोरोनावायरस संक्रमण शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी उनका लेट फीस कम कर दिया गया है।
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इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा। जुलाई 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली पंजीकृत इकाइयों पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
वहीं 5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी परिषद फुटवियर, उर्वरक और कपड़ा क्षेत्र में उलट शुल्क ढांचा सुधारने पर गौर कर रही है।

पान मसाले पर टैक्स को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पान मसाले पर कर लगाने को लेकर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में विचार होगा।
बता दें इससे पहले मार्च में हुई जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में भी कोरोना वायरस को लेकर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा हुई थी। उस दौरान भारत में कोरोना वायरस के मामले बेहद कम थे और लॉकडाउन का भी फैसला नहीं लिया गया था।
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