जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. फ़्रांस सरकार ने कट्टरपंथी संगठनों और इनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख शुजा पाशा की बहन समेत फ़्रांस में रह रहे 183 पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया है. इनमें से 118 लोगों को वापस पाकिस्तान भेज भी दिया गया है.
पाकिस्तान ने फ़्रांस सरकार से अपील की है कि शुजा पाशा की बहन को फ़्रांस में रहने दिया जाए क्योंकि वह वहां अपनी बीमार सास की सेवा के लिए रह रही हैं. पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट कर यह कहा है कि फ़्रांस ने पाकिस्तान के जिन लोगों को अवैध रूप से फ़्रांस में रहने का आरोप लगाते हुए वापस भेजा है सबके पास वैध कागज़ात थे.

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने इस्लामिक आतंकवाद के खात्मे का एलान किया है. फ़्रांस के राष्ट्रपति के इस बयान पर कई मुस्लिम देशों ने अपनी नाखुशी का इज़हार किया है. दरअसल एक शिक्षक ने अपनी कक्षा में पैगम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था. बाद में उस शिक्षक की हत्या कर दी गई थी.
फ्रांस ने पाकिस्तान के नागरिकों को बाहर का रास्ता दिखाया क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने फ़्रांस के राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए कहा था कि वह मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे हैं.
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दुनिया के तमाम देशों ने फ़्रांस के राष्ट्रपति की निंदा की तो मैक्रो ने कहा कि मैं मुसलमानों की भावनाओं को समझता हूँ. पैगम्बर मोहम्मद साहब के कार्टून से झटका लगना लाज़मी है. उन्होंने कहा कि हम जिस कट्टर इस्लाम से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं वह सभी लोगों खासकर मुसलमानों के लिए भी खतरा हैं. उन्होंने कहा कि मेरी भूमिका शान्ति को बढ़ावा देने की है. मैं इसी दिशा में काम कर रहा हूँ.
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