Sunday - 7 January 2024 - 6:07 AM

अगवा हुए जवान की नन्ही बेटी ने नक्सलियों से की ये अपील

जुबिली न्यूज़ डेस्क

छत्तीसगढ़ में हुए जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गये। इस घटना ने एक बार फिर से नक्सलियों को चर्चा में ला दिया है ।जहां एक तरफ पूरा देश इस मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों को नाम आंखों से श्रधांजलि दे रहा है। तो वहीं दूसरी और सरकार शहीद हुए जवानों का बदला लेने के लिए योजना बना रही है।

नक्सलियों ने इस बात का दावा किया है कि उन्होंने राकेश को अगवा कर लिया है। जम्मू निवासी सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सली अपने साथ ले गये। उनकी कैद में ये जवान जिन्दगी और मौत के बीच लड़ रहा है। इस खबर से राकेश्वर सिंह का परिवार सदमे में हैं। उनके घर में मां, छोटा भाई पत्नी और एक पांच साल की बेटी भी है जोकि बस यही दुआ कर रहे हैं कि वो सकुशल वापस लौट आये।

इस बीच राकेश्वर की पांच साल की बेटी के शब्द कुछ ऐसे हैं जो आपको अंदर तक झकझोर देंगे। “नक्सल अंकल प्लीज मेरे पापा को छोड़ दो”, ये शब्द उस पांच साल की बेटी सारघ्वी राजपूत के हैं जो बस ये चाहती है कि उसके पापा सकुशल वापस घर आ जाए। नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए गए कोबरा कमांडों की बेटी आंसू पोछते हुए ये शब्द कहती है।

वहीं राकेश्वर की पत्नी मीनू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ‘हमें न्यूज़ चैनलों से इस हमले और उनके लापता होने की खबर का पता चला । इस बात की जानकारी सरकार या सीआरपीएफ में से किसी ने भी हमें नहीं दी।

उन्होंने बताया कि राकेश्वर के बारे में जानने के लिए हम लोगों ने जम्मू में सीआरपीएफ मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कई प्रयास किये लेकिन जो मुझे बताया गया उसमें ऐसा कुछ नहीं जो मै आप लोगों के साथ साझा कर सकूं।

वो बताती हैं कि शुक्रवार को रात साढ़े नौ बजे ‘हमने आखिरी बार उनसे बात की थी’ उसके बाद से ही वह फोन नहीं उठा रहे था, वह ड्यूटी पर जा रहे थे। यह सरकार का कर्तव्य है कि वह उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करे। मेरे पति पिछले 10 सालों से देश की सेवा कर रहे हैं और अब यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की बारी है कि वह सुरक्षित और स्वस्थ लौट कर आए।’

मीनू ने बताया कि राकेश्वर सिंह साल 2011 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उन्हें असम से केवल तीन महीने पहले छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित किया गया था। मुझे एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को छत्तीसगढ़ के स्थानीय रिपोर्टर बताया। वह चाहता था कि मैं अपने पति की एक तस्वीर नक्सलियों के पास भेजूं। हालांकि, परिवार से चर्चा करने के बाद अपने कॉल का जवाब नहीं दिया।

मीनू ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस बात की अपील की है कि वह केंद्र सरकार से बात करें और प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से उनकी सुरक्षित वापसी का आग्रह करें ।

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