जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक बाबा आम्टे की पोती डॉ. शीतल आम्टे अपने घर पर संदेहास्पद स्थिति में मृत पाई गई है. उनके पास एक सिरिंज मिली है जिसमें ज़हर पाया गया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्हें वरोड़ा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
बाबा आम्टे की यह पोती अपने दादा से पूरी तरह से प्रभावित थीं और उन्हीं के काम को आगे बढ़ाने में लगी थीं. डॉ. शीतल आनन्दवन की प्रभारी मंत्री थीं. बाबा आम्टे ने आनन्दवन को कुष्ठरोगियों के पुनर्वास के लिए बनाया था. आनन्दवन महाराष्ट्र में बहुत सुपरिचित जगह है.

डॉ. शीतल ने आनन्दवन में कुष्ठरोगियों के इस पुनर्वास केन्द्र में कृषि से लेकर उनके आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किया था. डॉ. शीतल ने रोगियों की सेवा के लिए मेडिकल की पढ़ाई की थी लेकिन बाद में उन्होंने अपने दादा के केन्द्र को और बेहतर बनाने का फैसला किया. उन्होंने आनन्दवन में महारोगी सेवा समिति की स्थापना की.
चार साल पहले डॉ. शीतल को वर्ल्ड इकानामिक फोरम ने यंग ग्लोबल लीडर नामित किया. वह संयुक्त राष्ट्र के इनोवेशन अम्बेसडर और आई 4 पी के एडवाइजर के तौर पर चुनी गई थीं.
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सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. डॉ. शीतल रात-दिन अपने मिशन को बेहतर तरीके से चलाने में लगी थीं फिर ऐसी क्या वजह हुई कि उन्हें खुदकशी का कदम उठाना पड़ा या फिर किसी और ने उन्हें ज़हर का इंजेक्शन दे दिया. उनकी मौत संदेह के घेरे में है. जांच के बाद ही सही स्थितियां सामने आ पाएंगी.
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