Wednesday - 22 October 2025 - 3:47 PM

दिवाली 2025: मां लक्ष्मी की कृपा पाने का शुभ अवसर, जानिए पूजा का सही मुहूर्त और विधि

जुबिली स्पेशल डेस्क

आज पूरे देश में रोशनी का सबसे बड़ा पर्व दीपावली हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर गली, हर घर दीपों की सुनहरी रोशनी से जगमगा उठा है।

ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे। नगरवासियों ने दीपों से उनका स्वागत किया — तभी से यह पर्व प्रकाश पर अंधकार की विजय का प्रतीक बन गया।

लेकिन दिवाली सिर्फ दीपों का नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी की आराधना का भी पर्व है। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को धन, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

मां लक्ष्मी की महिमा

मां लक्ष्मी धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म क्षीरसागर से हुआ था और उन्होंने भगवान विष्णु को अपना पति चुना।
ज्योतिषशास्त्र में उनका संबंध शुक्र ग्रह से माना गया है।मां लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्त के जीवन में धन, वैभव और सुख-समृद्धि का संचार होता है।

दिवाली 2025 के तीन शुभ मुहूर्त

  • इस वर्ष दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए तीन विशेष मुहूर्त बन रहे हैं —
  • प्रदोष काल: शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक
  • वृषभ काल: शाम 7:08 बजे से रात 9:03 बजे तक
  • सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: शाम 7:08 से रात 8:18 बजे तक — इस समय 1 घंटा 11 मिनट का सर्वोत्तम पूजन काल रहेगा।
  • इसी अवधि में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

पूजन सामग्री (Diwali Samagri List)

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, कलश, चांदी का सिक्का, मिट्टी के दीये, घी, गंगाजल, धूप, कपूर, खील-बताशे, मिठाई, इत्र, कमल या गुलाब के फूल, पंचमेवा, नारियल, चंदन, लाल कपड़ा और कुबेर यंत्र आदि रखें।

लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि

  • पूजा स्थल (ईशान कोण या उत्तर-पूर्व दिशा) की सफाई करें।
  • लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर मां लक्ष्मी (दाहिनी ओर) और गणेश जी (बाईं ओर) को स्थापित करें।
  • गंगाजल से मूर्तियों का स्नान कराएं।
  • फूल, मिठाई, खील-बताशे, इत्र, और चावल अर्पित करें।
  • लक्ष्मी जी को कमल का फूल और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
  • दीपक जलाकर मंत्रों का जाप और आरती करें।
  • पूजा के बाद घर के सभी हिस्सों में दीपक जलाएं, विशेषकर मुख्य द्वार, तुलसी स्थल और रसोईघर में।
  • मुख्य दीपक को पूरी रात जलता रहने दें — यह मां लक्ष्मी की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है।

पूजा के नियम और सावधानियां

  • श्वेत या गुलाबी वस्त्र न पहनें; लाल या पीले वस्त्र शुभ माने जाते हैं।
  • मां लक्ष्मी की वही प्रतिमा पूजें जिसमें वे कमल पर विराजमान और धन वर्षा करती हुई दिखें।
  • घर में तामसिक भोजन (मांस, मद्य) से परहेज करें।
  • घर में आए अतिथियों या भिक्षुकों को निराश न करें — मां लक्ष्मी का आशीर्वाद इन्हीं रूपों में आता है।
Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com