Monday - 22 January 2024 - 1:09 AM

पहले से ज्यादा खतरनाक है कोरोना से दोबारा संक्रमित होना

न्यूज डेस्क

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रही हैं। अभी तक कोरोना वायरस के पहले संक्रमण से लोगों को पूरी तरह से निजात नहीं मिली। वहीं कोरोना वायरस के स्टेप 2 ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। इस 60 nm के छोटे वायरस ने पूरी दुनिया को अपने घुटनों पर लाने में मजबूर कर दिया। ऐसे में अगर ये वायरस दोबारा लौट कर आता है तो कितनी कोहराम मचाएगा आप समझ सकते हैं।

दरअसल चीन के वुहान से उपजा कोरोना वायरस दोबारा भी लोगों को शिकार बना रहा है। इसका पहला मामला चीन में ही सामने आया जहां से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी। चीन के बाद दक्षिण कोरिया में। दोनों देशों में कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों में कुछ समय बाद फिर से लक्षण दिखे। फिर उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई और अब भारत में भी ऐसा मामला सामने आया है।

दोबारा संक्रमित होने में एक खास बात सामने आई। जो मरीज दोबारा से कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें लक्षण पहले से दिखे ही नहीं। अभी तक कोरोना संक्रमित में बुखार, सूखी खांसी, जुकाम और जोडो़ं में दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण सामने आते थे। दोबारा संक्रमित होने वाले मरीजों में ऐसे कोई लक्षण दिखते ही नहीं।

इसके बाद उनमें इस वायरस का पता तब चलता जब या तो उसका दोबारा टेस्ट किया जाए या फिर उसे सांस लेने में बहुत दिक्कत हो रही हो। इसको कोरोना जैसी महामारी से संक्रमित होने की लास्ट स्टेज बताई जा रही है।

भारत में भी सामने आए मामले

भारत में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा में ऐसे दो मरीज सामने आये है। इन दोनों मरीजों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी उन्हें दोबारा संक्रमण हुआ है। उन्हें दोबारा ग्रेटर नोएडा के ‘जिम्स’ में भर्ती कर लिया गया है।

पाए गए दोनों मरीजों के सैंपल को लेकर चौथी बार जांच के लिए भेजा गया है। ऐसा होने से डॉक्टर भी असमंजस में पड़ गये हैं।साथ ही इसके कारणों की जानकारी जुटाने में लग गये हैं।

आखिर क्यों हो रहा ऐसा

दोबारा संक्रमित होने को लेकर डॉक्टर और वैज्ञानिक इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या इन मरीज़ों पर कोरोना ने डबल अटैक किया। या किसी और वजह से ये दोबारा संक्रमित हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि दो बार जांच में निगेटिव आने के बाद फिर पॉजिटिव आने का मतलब शरीर में वायरस का दोबारा एक्टिव होना है।

वहीं, इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही कहा था कि ठीक होने के बाद भी कोरोना का संक्रमण दोबारा फैल सकता है। ऐसे में संक्रमण खत्म होने के दो हफ्ते तक आइसोलेशन की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। जबकि अभी 24 घंटे में दो बार जांच निगेटिव आने के बाद मरीज को घर भेज दिया जा रहा है।

रखें ये सावधानियां

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को समय-समय पर सैनिटाइजर से साफ करते रहे। इसके लिए खाने से पहले, खाने के बाद हाथ अच्छे तरह से धुलना जरूरी है।

छींक या खांसी आने पर नाक-मुंह में रुमाल रखें या टिश्यू का इस्तेमाल करें। इसके बाद उसे तुरंत डिस्पोज़ कर दें। ऐसे किसी व्यक्ति जिसे खांसी या जुकाम हो या जो कोरोना का संदिग्ध लगे, उससे दूरी बनाकर रखना जरूरी है।

अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में या कहीं बाहर से आए हैं तो टेस्ट कराना अनिवार्य है। इसके अलावा मोबाइल फोन, टेबल टॉप समेत घर, ऑफिस की सफाई का खास ख्याल रखना होगा। अगर आप अस्पताल भी जा रहे हैं तो रेलिंग को छूने से बचे।

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