Friday - 5 January 2024 - 9:34 PM

कोरोना वैक्सीनेशन शुरू, जाने पीएम मोदी क्‍यों हुए भावुक

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधन के जरिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना टीका विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की है।

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे ही दिन के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूरे देश को इस पल का बेसब्री से इंतजार था। कोरोना की वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। पीएम ने कहा कि कोरोना के काल में हमारे कई साथी ऐसे रहे जो बीमार होकर अस्पताल गए तो लौटे ही नहीं। पीएम ने कहा कि संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। ये लोग थे हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स। हमारे कई साथी कोरोना से ग्रसित होकर अस्पताल गए तो लौटे ही नहीं। ऐसे सभी साथियों को हम सादरांजलि अर्पित करते हैं।

उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने देश को लॉकडाउन के लिए तैयार किया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने चीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब कोरोना संक्रमण के कारण दुनिया में लॉकडाउन लगाए जा रहे थे उस वक्त कई देशों ने अपने नागरिकों को चीन में उनके हाल पर छोड़ दिया था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।

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AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया को भी लगाया गया कोरोना वैक्सीन (फोटो- एएनआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।” आपको बता दें कि पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अपने नागरिकों को उस समय चीन में उनके हाल पर छोड़ दिया। इसके बाद पाकिस्तानी छात्रों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई थी।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था।

जनता कर्फ्यू का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस दिन कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुए। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया।

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