Wednesday - 17 January 2024 - 2:39 AM

कोरोना इफेक्ट : -0.9 फीसदी तक लुढ़क सकती है भारत की जीडीपी

न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचायी है। दुनिया के ज्यादाता कोरोना संक्रमित देशों ने लॉकडाउन का सहारा लिया और इसकी वजह से अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई है। भारत की भी अर्थव्यवस्था कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि कोरोना संकट के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ नकात्मक भी हो सकती है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने गुरुवार को अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी ग्रोथ -0.9 पर्सेंट से लेकर 1.5 फीसदी के बीच रह सकती है। मालूम हो इसके पहले ही आईएमएफ से लेकर फिच जैसी कई एजेंसियों ने भारत की ग्रोथ के बारे में अनुमान जाहिर कर चुकी हैं।

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हालांकि यह पहला मौका है, जब भारत की आर्थिक ग्रोथ के माइनस में जाने की आशंका जाहिर की गई है। वहीं कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने कहा कि भारतीय इकॉनमी की ग्रोथ उम्मीद से काफी धीमी रह सकती है। औद्योगिक संगठन ने कहा कि कोरोना के इस संकट में तमाम सेक्टरों की ग्रोथ के अनुमान के आधार पर यह भविष्यवाणी की गई है।

‘आर्थिक रिकवरी के लिए प्लान A’  नाम से प्रकाशित सीआईआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 0.6 फीसदी रह सकती है। साथ में यह भी कहा गया है कि यदि अर्थव्यवस्था कोरोना के बाद कुछ तेजी पकड़ती है तो यह 1.5 फीसदी के लेवल पर जा सकती है। यही नहीं यदि हालात नहीं सुधरते हैं तो फिर यह गिरावट माइनस 0.9 फीसदी तक जा सकती है।’

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औद्योगिक संगठन ने कहा कि यदि सब कुछ सामान्य रहा तो लॉकडाउन खत्म होने के साथ ही कुछ सेक्टर्स में तेजी देखने को मिल सकती है और अलग-अलग चरणों में सुधार की स्थिति देखने को मिल सकती है।

सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक गतिविधियां लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही शुरू हो जाएंगी, लेकिन हालात पहले जैसे होने में काफी वक्त लगेगा। सीआईआई ने कहा कि देश के कई हिस्सों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है, जहां लॉकडाउन खत्म होने में समय लगने वाला है। ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था के लिए एक साथ तेजी पकड़ना  मुश्किल होगा। इसके अलावा सप्लाई चेन भी इसके चलते प्रभावित हो सकती है।

वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) ने फाइनेंशियल ईयर 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था के 1.9 फीसदी की ग्रोथ करने का अनुमान जताया है। हालांकि आईएमएफ के अनुमान में ही भारत के लिए एक बड़ी उम्मीद जताते हुए कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह बड़ी छलांग होगी।

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